केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा भारत के संबंध में मंगलवार को दिए गए अनुचित बयान पर कड़ा विरोध जताया है। दोहा में आयोजित विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन में मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है और उसे अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग बंद करना चाहिए।
मंडाविया ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान भारतीय नागरिकों के खिलाफ सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है और ऐसे आरोप लगाकर दुनिया का ध्यान सामाजिक विकास से हटाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि के मामले में पाकिस्तान ने बार-बार भारत की वैध परियोजनाओं में बाधा डालकर संधि का दुरुपयोग किया है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को आत्मचिंतन करते हुए अपनी विकास संबंधी चुनौतियों का समाधान करना चाहिए, जिससे वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर निर्भर है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि भारत का सामाजिक और आर्थिक विकास सतत विकास लक्ष्यों और जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है, और भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर सतत विकास एजेंडे में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
मंडाविया ने सभी सदस्य देशों को याद दिलाया कि राजनीतिक घोषणाएँ वैश्विक प्राथमिकताओं के अनुरूप होनी चाहिए, जिसमें महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास, पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियाँ, डिजिटल अवसंरचना और सहकारिता को समावेशी विकास के प्रमुख इंजन के रूप में मान्यता देना शामिल है।
इस प्रकार, केंद्रीय मंत्री ने पाकिस्तान के बयान को पूरी तरह अस्वीकार करते हुए कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सकारात्मक और विकासोन्मुख भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।