जम्मू में लामबंद हुए G-23 के नेता, कांग्रेस को दिया नसीहतों का डोज

आलाकमान से टकराव के बीच आज कांग्रेस के असंतुष्ट नेता जम्मू में जुटे। यह जुटान ऐसे समय में हो रहा है आलाकमान से इनकी दूरियां लगातार बढ़ रही है। जुटान में गुलाम नबी आजाद के समर्थन में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, राज बब्बर जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेता भी शामिल हुए। इस अवसर पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से रिटायर नहीं हुआ और मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं। जम्मू कश्मीर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है। राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी। जब तब यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोज़गारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी।

वहीं कांग्रेस पार्टी को नसीहत देते हुए कद्दावर नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सच्चाई ये है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिखाई दे रही है और इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं। हमें इकट्ठा होकर पार्टी को मजबूत करना है। गांधी जी सच्चाई के रास्ते पर चलते थे, ये सरकार झूठ के रास्ते पर चल रही है। उन्होंने पार्टी को गुलाम नबी आजाद के अनुभव का लाभ उठाने की नसीहत देते हुए कहा कि कहा कि गुलाम नबी आज़ाद साहब की असली भूमिका क्या है? विमान उड़ाने वाला व्यक्ति एक अनुभवी व्यक्ति होता है। एक इंजीनियर इंजन में किसी खराबी का पता लगाने और उसकी मरम्मत करने में उसका साथ देता है। गुलाम नबी जी को अनुभवी और इंजीनियर के रूप में जाना जाता है। वह एक ऐसे नेता हैं जो हर राज्य के हर जिले में कांग्रेस की जमीनी हकीकत जानते हैं। हमें दुख हुआ जब हमें मालूम हुआ कि उन्हें संसद से मुक्त किया जा रहा है। हमने उन्हें दोबारा नहीं भेजा… मैं नहीं समझ रहा कि कांग्रेस अपने अनुभव का उपयोग क्यों नहीं कर रही है।

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