बेगूसराय के रहने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद राकेश कुमार सिन्हा पर चुनाव 2025 में दो जगह वोट डालने का आरोप लगा है। इस मामले पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस ने चुनाव आयोग को निशाने पर लिया है। फिलहाल न तो राकेश सिन्हा ने और न ही चुनाव आयोग ने इस पर कोई प्रतिक्रिया दी है।
मामला कैसे सामने आया:
राकेश सिन्हा ने 6 नवंबर को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि उन्होंने अपने पैतृक गांव मनसेरपुर (साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र) में मतदान किया। इस पोस्ट के बाद विपक्ष ने उनके पुराने पोस्ट्स को खंगाला, जिसमें पता चला कि उन्होंने फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी वोट डाला था।
विपक्ष की प्रतिक्रिया:
CPI और कांग्रेस के नेताओं ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया कि कैसे एक व्यक्ति एक ही साल में दो अलग राज्यों में मतदान कर सकता है। कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेते ने कहा, “BJP नेता ने फरवरी में दिल्ली में वोट किया और नवंबर में बिहार में। यह किस योजना के तहत हो रहा है?”
दिल्ली AAP के प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने भी निशाना साधते हुए लिखा कि राकेश सिन्हा दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं, इसलिए बिहार का पता दिखाना मुश्किल नहीं होना चाहिए।
चुनाव कानून क्या कहता है:
जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 17 के अनुसार कोई भी नागरिक एक साथ दो राज्यों की मतदाता सूची में शामिल नहीं हो सकता। यदि कोई जानबूझकर ऐसा करता है, तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। डुप्लीकेट एंट्री के तहत ऐसी स्थिति में मतदाता को प्रतिबंधित किया जा सकता है।
इस विवाद ने बिहार चुनावों के पहले चरण में राजनीतिक तूल पकड़ लिया है और विपक्ष ने इसे भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाने का अवसर मान लिया है।