पटना: बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर सत्तारुढ़ एनडीए में विवाद तेज होता जा रहा है। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के नेता जीतन राम मांझी ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी बोधगया और मखदुमपुर सीटों पर चिराग पासवान के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारेगी। इन दोनों सीटों को गठबंधन के तहत लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को दिया गया था, जबकि मखदुमपुर जीतन राम मांझी की पारंपरिक सीट रही है।

एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर कई दिनों से चर्चा जारी थी, लेकिन आपसी सहमति नहीं बन पा रही थी। मंगलवार को दोपहर ढाई बजे बीजेपी ने अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें 72 उम्मीदवारों के नाम शामिल थे। इस सूची में विशेष रूप से यह देखा गया कि तारापुर सीट पर बीजेपी ने अपने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को टिकट दिया, जबकि पहले कहा जा रहा था कि यह सीट जनता दल यूनाइटेड के लिए छोड़ी जाएगी।

मांझी की पार्टी को मिली 6 सीटें
गठबंधन में इस बार बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय किया है, जो पिछले चुनाव 2020 की तुलना में थोड़ी कम है। शेष 41 सीटों में से 29 लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को दी गई हैं, जबकि उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को छह-छह सीटें दी गई हैं।

मांझी ने सोशल मीडिया X पर अपने पोस्ट में कहा, “हमें कम सीटें मिली हैं और कार्यकर्ताओं में असंतोष है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि बिहार को अस्थिरता की ओर धकेल दिया जाए। HAM बिहारियों के सम्मान, सुरक्षा और शांति के लिए हर संभव प्रयास करेगा। हम बिहार में NDA की जीत और राज्य के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

एनडीए के अंदर सीट शेयरिंग को लेकर यह विवाद अब आने वाले दिनों में चुनावी रणनीति और प्रचार अभियान को प्रभावित कर सकता है।