पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार तेज होने के साथ ही सियासी बयानबाजी भी जोर पकड़ रही है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के एक बयान ने राजनीतिक पारा बढ़ा दिया है, जिस पर कांग्रेस ने उन पर तीखी प्रतिक्रिया दी और उन्हें मानसिक रूप से अस्वस्थ घोषित करने तक की मांग कर दी।

क्या कहा था गिरिराज सिंह ने?
एक रैली में गिरिराज सिंह ने मौलवी के साथ बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने मौलवी से पूछा कि क्या उन्हें आयुष्मान कार्ड मिला। जब मौलवी ने हां कहा, तो उन्होंने पूछा कि इसमें हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव हुआ या नहीं, जिस पर मौलवी ने इंकार किया। इसके बाद उन्होंने मौलवी से कहा कि क्या उन्होंने उन्हें वोट दिया, जिस पर मौलवी ने हां कहा, लेकिन जब उन्होंने खुदा की कसम खाने को कहा तो मौलवी चुप रह गए।

गिरिराज सिंह ने कहा, “जो लोग उपकार को नहीं मानते, उन्हें ‘नमक हराम’ कहते हैं। मैंने मौलवी से साफ कहा कि हमें ऐसे नमक हरामों के वोट नहीं चाहिए।”

बयान पर बवाल और सफाई
गिरिराज सिंह के बयान पर राजनीतिक हलचल मचने के बाद उन्होंने सफाई दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग धर्म के आधार पर उनके बयान को गलत अर्थ दे रहे हैं। उन्होंने पूछा, “क्या 5 किलो राशन, प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, नल-जल योजना या गैस सिलेंडर में हिंदू-मुसलमानों के बीच कोई भेदभाव हुआ है?”

साथ ही उन्होंने बुर्का प्रथा और धर्म के आधार पर कानून को लेकर कहा, “भारत में कानून किसी धर्म के अनुसार नहीं चलेगा। मतदान और कानून दोनों देश के संविधान के अनुसार ही होंगे।”

गिरिराज सिंह के इस बयान ने चुनावी राजनीति में नई बहस को जन्म दे दिया है और विपक्षी दल इस पर लगातार हमला बोल रहे हैं।