बिहार की मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर नाम हटाए जाने (एसआईआर मुद्दा) को लेकर कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस का कहना है कि अदालत का यह आदेश लोकतंत्र पर हुए गंभीर हमले से देश को बचाने वाला है और इसने चुनाव आयोग (ECI) की कार्यशैली को पूरी तरह उजागर कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिया था कि मतदाता सूची से हटाए गए सभी नामों का विवरण सार्वजनिक किया जाए और नाम काटने के कारण भी स्पष्ट बताए जाएं। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं, वे आधार कार्ड को वैध पहचान पत्र के रूप में प्रस्तुत कर सकेंगे। शुक्रवार को अदालत ने अपने इसी आदेश को दोहराया और साफ कर दिया कि आधार कार्ड को पहचान प्रमाण मानना चुनाव आयोग की बाध्यता होगी।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र की रक्षा की है। पार्टी नेताओं के अनुसार, चुनाव आयोग अब तक ऐसी भूमिका में रहा जो मतदाताओं के अधिकारों के खिलाफ थी, लेकिन अदालत के आदेश ने राजनीतिक दलों को भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी का अवसर प्रदान कर दिया है। कांग्रेस ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों को मजबूत करने वाला ऐतिहासिक कदम बताया।
चुनाव आयोग पर निशाना
कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि आयोग की कार्यप्रणाली पूरी तरह उजागर हो गई है और उसकी साख पर गहरी चोट पड़ी है। पार्टी ने आरोप लगाया कि आयोग के पीछे काम करने वाले तथाकथित ‘जी-2 कठपुतली संचालक’ भी अब पूरी तरह परास्त हो गए हैं।