बिहार की सियासत में एनडीए और महागठबंधन के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से महागठबंधन पर मुस्लिम समुदाय की अनदेखी के आरोप लगाए जाने के बाद अब विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने पलटवार किया है।

मुकेश सहनी ने कहा कि बीजेपी को अल्पसंख्यकों की चिंता जताने से पहले अपने नेताओं पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, “जो लोग अल्पसंख्यकों के वोट को लेकर बयान दे रहे हैं, वे पहले शाहनवाज हुसैन के बारे में सोचें। बीजेपी को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा कि एक अतिपिछड़ा समाज का नेता उपमुख्यमंत्री पद तक पहुंचे। हम अपने अल्पसंख्यक भाइयों का खुद ख्याल रखना जानते हैं, बीजेपी हमें सीख न दे।”

वहीं कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने भी इस बहस में शामिल होते हुए कहा कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है तो राहुल गांधी दलित और मुस्लिम समुदाय से एक-एक उपमुख्यमंत्री बनाएंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हमेशा सभी समाजों को समान प्रतिनिधित्व देने के पक्षधर रहे हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री और मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। इस घोषणा के बाद एनडीए की ओर से विपक्ष पर तीखे हमले शुरू हो गए हैं।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में 18 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं, लेकिन महागठबंधन ने किसी मुसलमान को नेतृत्व में शामिल नहीं किया। उन्होंने मुकेश सहनी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अपने समुदाय के अन्य लोगों के लिए क्यों नहीं खड़े हुए? चिराग ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव, सहनी और महागठबंधन के अन्य नेता केवल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में लगे हैं, जबकि जिन वर्गों की वे बात करते हैं, उन्हें असली प्रतिनिधित्व देने से कतराते हैं।

पासवान ने आगे कहा कि “तेजस्वी यादव यादव समाज से आते हैं, जिनकी आबादी करीब 13 प्रतिशत है, जबकि सहनी समुदाय की हिस्सेदारी महज 2 प्रतिशत है। लेकिन 18 प्रतिशत मुस्लिम आबादी को सत्ता में हिस्सेदारी नहीं दी गई। महागठबंधन सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहा है, न कि असली भागीदारी देने की नीयत रखता है।”