बिहार में चुनाव से पहले गरीब महिलाओं को 10,000 रुपये की एकमुश्त राशि देने के एनडीए सरकार के निर्णय ने राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है। कांग्रेस ने इसे वोट रेवड़ी करार देते हुए कहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले एक बार की गई यह धनराशि बिहार की महिलाओं के फैसले पर कोई असर नहीं डाल पाएगी।
कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि बिहार की महिलाएँ अपने मत का फैसला पहले ही कर चुकी हैं और चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक अस्तित्व अतीत बन जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बयान जारी किया और इसमें दोनों नेताओं पर तीखी टिप्पणी की।
जयराम रमेश ने कहा कि कर्नाटक सरकार पिछले दो वर्षों से गृहलक्ष्मी योजना के तहत 1.3 करोड़ महिलाओं को 2,000 रुपये प्रति माह देती रही है और प्रधानमंत्री लगातार इसकी आलोचना करते रहे। इसके विपरीत, बिहार में चुनाव के ठीक पहले प्रधानमंत्री ने केवल एक बार की पेमेंट की घोषणा की, जो चुनाव आचार संहिता लागू होने से कुछ ही दिन पहले हुई।
उन्होंने कहा कि यह कदम स्पष्ट रूप से हताशा में किया गया है और इसे बिहार की महिलाएँ अच्छी तरह समझेंगी। जयराम ने आरोप लगाया कि अब प्रधानमंत्री वोट चोरी के साथ-साथ वोट रेवड़ी बाँटने में भी लगे हुए हैं।
पीएम मोदी और नीतीश कुमार पर तंज
कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा कि बिहार में सरकार की उल्टी गिनती पहले ही शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब अतीत बन चुके हैं और चुनाव परिणाम आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का राजनीतिक प्रभाव भी पीछे छूट जाएगा।