गया। वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र के मानपुर मोहल्ले स्थित एक निजी होटल में मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एनडीए प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित किया। सभा में शामिल होने से पहले गया एयरपोर्ट पर एनडीए कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। इसके बाद वे सड़क मार्ग से कार्यक्रम स्थल पहुंचे।

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि उन्हें बिहार की पवित्र धरती पर आकर अत्यंत गर्व का अनुभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हरियाणा की भूमि पर भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था, उसी प्रकार बोधगया की धरती भी तपोभूमि और पुण्यस्थली मानी जाती है। सैनी ने कहा कि हरियाणा और बिहार का रिश्ता ऐतिहासिक है और वे इस रिश्ते को और सशक्त करने का संकल्प लेकर आए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार ने विकास की रफ्तार को नई दिशा दी है। सैनी ने लोगों से अपील की कि वे एनडीए प्रत्याशियों को जिताकर इस विकास यात्रा को और आगे बढ़ाएं।

सैनी ने कहा कि 2005 से पहले बिहार में भय और अराजकता का माहौल था। उस दौर में शाम होते ही सड़कें सुनसान हो जाती थीं, अपहरण, लूट और रंगदारी आम बात थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में कानून व्यवस्था मजबूत हुई है और बेटियां गर्व से घर से बाहर निकल रही हैं।

उन्होंने कांग्रेस और आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दलों की सरकारों ने बिहार को पिछड़ा रखा। तेजस्वी यादव के शासन में जमीन कुर्क कर नौकरियां दी जाती थीं, जबकि विकास के बजट का पैसा परिवारों में बंट जाता था। सैनी ने कहा कि वह दौर बिहार के इतिहास का सबसे अंधकारमय समय था।

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि आज बिहार में उद्योगों का विकास हो रहा है, निवेश बढ़ रहा है और राज्य प्रगति की ओर अग्रसर है। उन्होंने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हरियाणा में राज्य सरकार छठ पर्व को पूरे सम्मान के साथ मनाती है, लेकिन राहुल गांधी उसे ‘स्टंट’ बताते हैं। ऐसे लोग भारतीय संस्कृति का उपहास उड़ाते हैं, और बिहार की जनता उन्हें उचित जवाब देगी।

सैनी ने बताया कि 2005 से पहले केंद्र से बिहार को दस साल में मात्र दो लाख करोड़ रुपये मिले थे, जबकि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अब तक साढ़े 14 लाख करोड़ रुपये की राशि राज्य के विकास के लिए दी गई है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि चुनाव के बाद 14 नवंबर से किसानों को नौ हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।