पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) की जमानत सभी उम्मीदवारों की खो गई। रविवार को तेज प्रताप के आवास पर पार्टी की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें उम्मीदवारों ने चुनाव में मिली करारी हार पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम यादव ने बताया कि जेजेडी अब एनडीए को नैतिक समर्थन देने का फैसला कर चुकी है।

बैठक में पार्टी ने यह भी साफ किया कि रोहिणी आचार्य के कथित अपमान का बदला लिया जाएगा। पार्टी का दावा है कि आरजेडी अब संजय यादव की पार्टी बन चुकी है, और तेज प्रताप की जेजेडी ही लालू यादव की नई पार्टी के रूप में उभर रही है।

तेज प्रताप ने जताई बहन के अपमान पर नाराजगी
तेज प्रताप यादव ने कहा कि "मेरे साथ जो कुछ भी हुआ, वह मैंने सह लिया, लेकिन मेरी बहन का अपमान किसी भी हालत में असहनीय है।" उन्होंने कुछ लोगों को "जयचंद" बताते हुए चेतावनी दी कि बिहार की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। उन्होंने अपने पिता और आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से आग्रह किया कि वे संकेत दें, जिससे जनता इन लोगों को सबक सिखा सके।

महुआ सीट पर भी हार का सामना
जेजेडी ने कुल 22 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सभी की जमानत जब्त हो गई। तेज प्रताप स्वयं महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे थे, जहाँ वे तीसरे स्थान पर रहे और 51,938 वोटों से हार गए। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के संजय कुमार सिंह ने यह सीट जीतकर 87,641 वोट हासिल किए। आरजेडी के मुकेश कुमार रौशन दूसरे स्थान पर रहे, जिनके खाते में 42,644 वोट गए।

तेज प्रताप के महुआ से हारने के साथ ही उनकी पार्टी की पहली चुनौती भी स्पष्ट हो गई है। 2015 में तेज प्रताप यहीं से विधायक चुने गए थे। महुआ विधानसभा क्षेत्र में मतदान पहले चरण में 6 नवंबर को हुआ था।