उड़ीसा में SSC प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच तेज करते हुए क्राइम ब्रांच की टीम ने समस्तीपुर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र से एक महत्वपूर्ण आरोपी को गिरफ्तार किया है। स्थानीय पुलिस की मदद से हुई इस कार्रवाई में खानपुर उत्तरी गांव निवासी राजमोहन प्रसाद को हिरासत में लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उसे नगर थाना लाया गया और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उड़ीसा पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ ले गई।
सूत्रों के मुताबिक, इस पेपर लीक नेटवर्क में अब तक उड़ीसा के बालासोर पुलिस ने 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। नेटवर्क को समस्तीपुर के विद्यापतिनगर थाना क्षेत्र के शेरपुर निवासी बिजेंद्र गुप्ता और वैशाली जिले के डिविजनल अकाउंटेंट विशाल चौरसिया संचालित कर रहे थे। कोलकाता की प्रिंटिंग प्रेस में हाजीपुर निवासी बीरेंद्र पासवान ने पेपर छाप कर बिजेंद्र गुप्ता को उपलब्ध कराया। राजमोहन प्रसाद, बिजेंद्र गुप्ता का साला है।
बिजेंद्र गुप्ता पहले भी बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा और नीट पेपर लीक मामले में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आ चुका है। 2023 में उड़ीसा SSC पेपर लीक मामले में भी बिजेंद्र और विशाल सहित कई बिहार के आरोपी गिरफ्तार हुए थे। हालांकि, हाल ही में छापेमारी से दो दिन पहले बिजेंद्र अपने ससुराल खानपुर आए थे, लेकिन कार्रवाई से पहले फरार हो गए। वहीं, उनका साला राजमोहन पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
जांच में कई अहम सुराग मिले हैं। आरोपियों ने टेलीग्राम और व्हाट्सएप के स्टडी ग्रुप्स के जरिए अभ्यर्थियों का डेटा जुटाया और कुछ ने मैनपावर कंसल्टेंसी सर्विसेस से भी जानकारी खरीदी। पेपर लीक गिरोह का तरीका यह था कि अभ्यर्थियों से पहले 10 लाख रुपये अग्रिम लिए जाते और परीक्षा पास होने के बाद 15 लाख रुपये देने की शर्त रहती। साथ ही, अभ्यर्थियों के मूल प्रमाणपत्र और ब्लैंक चेक गिरवी रखवाए जाते थे, ताकि रकम न चुकाने पर उनका करियर रोका जा सके।