मोकामा विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में हुई हिंसा और जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाए हैं। आयोग ने बाढ़ के एसडीओ चंदन कुमार और एसडीपीओ राकेश कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैं, जबकि बाढ़-2 के एसडीपीओ अभिषेक सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही पटना (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक विक्रम सिहाग का तबादला करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

चुनाव आयोग ने यह कदम निष्पक्ष मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही की शिकायतों को देखते हुए उठाया है। बता दें कि बीते मंगलवार को मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान दो पक्षों के बीच फायरिंग हुई थी, जिसमें जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर आयोग ने बिहार के डीजीपी से रिपोर्ट भी मांगी थी।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में नए खुलासे
अनुमंडलीय अस्पताल में तीन चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमॉर्टम किया। रिपोर्ट में सामने आया कि दुलारचंद यादव को बाएं पैर में गोली लगी थी, लेकिन मौत गोली से नहीं, बल्कि शरीर में लगी गंभीर अंदरूनी चोटों से हुई। उनके सीने और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी चोटें पाई गईं।

अनंत सिंह ने सूरजभान पर लगाए आरोप
जदयू उम्मीदवार बाहुबली अनंत सिंह ने कहा कि घटना उस वक्त हुई जब वे टाल इलाके में वोट मांग रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सूरजभान सिंह ने जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की साजिश की थी। अनंत सिंह ने दावा किया कि मृतक दुलारचंद कभी सूरजभान का करीबी था और उसकी गाड़ी चलाया करता था।

जन सुराज ने लगाया अनंत सिंह पर हत्या का आरोप
वहीं, जन सुराज पार्टी ने दुलारचंद की हत्या के लिए अनंत सिंह को जिम्मेदार ठहराया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या है।

सूरजभान सिंह ने जांच आयोग की मांग की
आरजेडी प्रत्याशी वीणा देवी के पति और बाहुबली सूरजभान सिंह ने कहा कि यह घटना लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने चुनाव आयोग से रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच आयोग गठित करने की मांग की।

प्रत्यक्षदर्शी ने बताया पूरी घटना का सिलसिला
जन सुराज के मीडिया प्रभारी ओबैदुर रहमान ने बताया कि जब उम्मीदवार प्रियदर्शी पीयूष के काफिले पर दूसरे पक्ष के समर्थकों ने हमला किया, तो अफरा-तफरी में दुलारचंद यादव बाहर निकले। तभी उन पर पहले गोली चलाई गई और बाद में गाड़ी चढ़ाकर कुचल दिया गया।

कौन थे दुलारचंद यादव?
दुलारचंद यादव कभी आरजेडी से जुड़े रहे और लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते थे। हालांकि, टिकट न मिलने के बाद उन्होंने जन सुराज पार्टी के साथ नजदीकी बढ़ा ली थी।