बिहार विधानसभा चुनाव के बीच राघोपुर सीट से बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक और रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे। पार्टी ने राघोपुर से चंचल सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इस निर्णय की जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने दी और चंचल सिंह को पार्टी का चुनावी सिंबल सौंपा।
कुछ समय पहले तक यह चर्चा जोरों पर थी कि प्रशांत किशोर तेजस्वी यादव के गढ़ राघोपुर से चुनाव मैदान में उतरेंगे। तीन दिन पहले उन्होंने राघोपुर में रोड शो भी किया था और तेजस्वी यादव को चेतावनी दी थी कि यदि वह राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे, तो उन्हें अमेठी जैसी हार का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि अब पीके खुद चुनावी मैदान में उतरने से पीछे हट गए हैं। इससे पहले उन्होंने मीडिया से कहा था कि पार्टी अपनी पहली सूची 9 अक्टूबर को जारी करेगी और उसमें उनका नाम भी शामिल होगा। लेकिन जन सुराज की अब तक दो सूची जारी हो चुकी हैं—पहली में 51 और दूसरी में 65 उम्मीदवारों के नाम थे—लेकिन दोनों सूची में प्रशांत किशोर का नाम नहीं है।
चंचल सिंह के राघोपुर से उतरने के बाद एनडीए की रणनीति पर सबकी नजरें हैं। अभी तक एनडीए ने राघोपुर के लिए अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।
तेजस्वी यादव बुधवार को करेंगे नामांकन
राघोपुर सीट से आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव बुधवार को अपने नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। यह सीट आरजेडी की पारंपरिक मजबूत गढ़ रही है। लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बाद तेजस्वी यादव ने भी यहां लगातार जीत दर्ज की है। 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने बीजेपी के सतीश कुमार को 38,174 वोटों से हराया था। वहीं, 2015 में भी उन्होंने यह सीट जीती थी।
ऐतिहासिक आंकड़ों पर नजर डालें तो 2010 में JDU के सतीश कुमार ने राबड़ी देवी को मात दी थी। 2000 के उपचुनाव और 2005 के विधानसभा चुनाव में राबड़ी देवी ने राघोपुर से जीत हासिल की थी। इस बार तेजस्वी की पूरी कोशिश है कि वह इस सीट पर लगातार तीसरी जीत दर्ज करें और अपनी हैट्रिक पूरी करें।