बिहार में कांग्रेस नेतृत्व में चल रही वोटर अधिकार यात्रा बुधवार को मुजफ्फरपुर पहुँची, जहाँ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं के साथ मंच साझा किया। रैली को संबोधित करते हुए स्टालिन ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनाव आयोग को अपनी कठपुतली बना दिया है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से 65 लाख नाम हटाए जाना लोकतंत्र के लिए आतंकवाद से भी बड़ा खतरा है।
स्टालिन ने राहुल गांधी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनाव की पूरी प्रक्रिया को मज़ाक बना दिया है। रैली में शामिल होने के बाद स्टालिन ने एक्स पर लिखा— “बिहार पहुँचा हूँ। यह धरती हर चुराए गए वोट का बोझ उठाए हुए है। मैं राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ उस यात्रा का हिस्सा बना हूँ, जो लोगों के दर्द को ताक़त में बदल रही है।”
इस मौके पर राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि गुजरात का मॉडल असल में ‘वोट चोरी का मॉडल’ है। राहुल ने आरोप लगाया कि 2014 से ही चुनावों में वोट हेरफेर शुरू हुआ और यह सिलसिला महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा और अन्य राज्यों में भी जारी रहा।
उन्होंने कहा कि “हर बार ओपिनियन पोल में कांग्रेस आगे दिखती है, लेकिन नतीजों में बीजेपी को 300 सीटें मिल जाती हैं। सच्चाई यह है कि गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के वोट काटे जाते हैं, जबकि अमीर उद्योगपतियों के वोट कभी नहीं कटते।”
राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे वोट चोरी की राजनीति करते हैं और चुनाव आयोग उनकी मदद करता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सहयोगी दल आगे भी इस हेरफेर के सबूत देश के सामने लाते रहेंगे।