पटना। महुआ विधानसभा सीट पर लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेज प्रताप यादव को बड़ा झटका लगा। मतगणना के दौरान तेज प्रताप लगातार पिछड़ते रहे और अंततः उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस हार में सबसे अहम भूमिका चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने निभाई।
महुआ सीट पर एनडीए ने चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को प्रत्याशी उतारा। चिराग ने यहां से संजय कुमार सिंह को मैदान में भेजा, जिन्होंने शुरू से ही तेज प्रताप को पीछे रखा और अंत तक उनका औसत 35,000 वोटों से अधिक रहा।
इस सीट पर राजद ने भी अपना उम्मीदवार मुकेश कुमार रोशन उतारा, जो दूसरे नंबर पर रहे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर राजद ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा होता, तो तेज प्रताप और लोजपा के संजय कुमार सिंह के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती थी।
महुआ विधानसभा सीट का इतिहास भी रोचक है। यह सीट वैशाली जिले में आती है और हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। 1951 में यहां कांग्रेस के बीरचन्द्र पटेल जीते थे, जबकि 2020 के चुनाव में राजद के मुकेश कुमार रोशन ने यह सीट अपने नाम की थी। इस बार की हार से तेज प्रताप यादव के राजनीतिक मजबूत इमेज पर सवाल खड़े हो गए हैं।