बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की पूर्व महिला नेता और चर्चित मुखिया रितु जायसवाल ने अब अपनी अलग राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया है। इस घोषणा को उन्होंने सीधे अपने सोशल मीडिया पेज के माध्यम से साझा किया, जिससे राज्य की सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

युवाओं और महिलाओं पर रहेगा फोकस
राजद की महिला शाखा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रितु जायसवाल ने अपने पोस्ट में बताया कि वे अगले कुछ महीनों तक बिहार के युवाओं और महिलाओं के साथ गहन संवाद करेंगी। इसी संवाद और स्थानीय समस्याओं को समझकर उनकी नई पार्टी का गठन किया जाएगा। रितु ने पार्टी के एजेंडे के बारे में कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व देना, युवाओं को राजनीति में सक्रिय भूमिका दिलाना और टिकट-खरीद और परिवारवाद की राजनीति से मुक्त करना होगा।

राजद के लिए बड़ी चुनौती
सामाजिक कार्यों और प्रगतिशील नेतृत्व के लिए पहचान रखने वाली रितु जायसवाल को जमीन से जुड़ी नेता माना जाता है। उनका अलग मंच बनाना राजद के पारंपरिक वोटबैंक और महिला एवं युवा विंग में सेंध लगाने वाला कदम साबित हो सकता है, जिससे आगामी चुनावों में राजद की चुनौती बढ़ सकती है।

रितु जायसवाल: जानें उनके राजनीतिक सफर के बारे में
रितु जायसवाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड की सिंहवाहिनी पंचायत से मुखिया के रूप में की थी। मुखिया के रूप में उनके काम की प्रशंसा हुई और उन्हें कई पुरस्कार भी मिले। इसके बाद राजद ने उन्हें 2020 में परिहार से विधानसभा चुनाव लड़ाया, जिसमें वे 1549 वोट से हार गईं। बाद में शिवहर लोकसभा सीट से भी उनकी उम्मीदवारी रही, लेकिन उन्हें जदयू के प्रत्याशी लवली आनंद ने हराया। बिहार विधानसभा 2025 में राजद ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय रूप से चुनाव में भाग लिया।