गोपालगंज। बिहार में बदलाव का संदेश देने वाली पार्टी जन सुराज ने भोरै विधानसभा सीट से चुनावी दंगल में ट्रांसजेंडर सामाजिक कार्यकर्ता प्रीति को उतारा है। प्रीति इस बार मौजूदा बिहार शिक्षा मंत्री और जेडी(यू) विधायक सुनील कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी।

प्रीति ने कहा कि जनता की मांग और सामाजिक कार्यों के अनुभव के चलते उन्होंने राजनीति में कदम रखा है और उन्हें भरोसा है कि लोग उन्हें विधानसभा भेजेंगे। अगर वे जीतती हैं, तो यह देश में एक ऐतिहासिक जीत होगी, क्योंकि अभी तक केवल शबनम बानो (1998-2003, मध्य प्रदेश) ने ही ट्रांसजेंडर विधायक के रूप में विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है।

भोरै का राजनीतिक परिदृश्य
पिछले तीन विधानसभा चुनावों में भोरै से अलग-अलग दलों के विधायक चुने गए हैं। 2010 में भाजपा के इंद्रदेव मांझी, 2015 में कांग्रेस के अनिल कुमार, और 2020 में जेडी(यू) के सुनील कुमार ने जीत हासिल की। अब जन सुराज के उम्मीदवार प्रीति के प्रवेश से समीकरण बदल सकते हैं।

लोगों के आग्रह पर राजनीति में कदम
PTI से बातचीत में प्रीति ने बताया कि वे पिछले दो दशकों से क्षेत्र में सामाजिक कार्यों में सक्रिय रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं हर साल दर्जनों गरीब लड़कियों की शादी कराती हूं और संकट या आपदा से प्रभावित लोगों की मदद करती हूं। इन सामाजिक कामों के कारण मेरा समर्थन व्यापक है, भले ही ट्रांसजेंडर मतदाता कम हैं।”

निर्दलीय से जन सुराज में शामिल हुईं
प्रीति ने कहा कि शुरुआत में वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं, लेकिन प्रशांत किशोर की जन सुराज के विचार और लक्ष्य उनके अपने सिद्धांतों से मेल खाते हैं, इसलिए उन्होंने पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया।

ट्रांसजेंडर समुदाय का मनोबल बढ़ाने का प्रयास
प्रीति ने कहा कि उनका चुनावी कदम ट्रांसजेंडर समुदाय के मनोबल को बढ़ाएगा। उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं जैसे खस्ता सड़कें, स्वास्थ्य और शिक्षा की बदहाल सुविधाएं का उल्लेख किया और भरोसा दिलाया कि उनकी जीत से इन मुद्दों का समाधान किया जाएगा।

प्रीति ने चुनावी वादों में कॉलेज स्थापना, हर पंचायत में एम्बुलेंस सेवा और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण भी शामिल किया। उनका कहना है कि ये कदम गरीबों और महिलाओं के लिए जीवन को आसान बनाएंगे और क्षेत्र में विकास को गति देंगे।