आज पूरे देश की तरह पटना में भी विजयादशमी का रंग दिखाई दिया। गांधी मैदान में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में इस बार 80 फीट ऊँचा रावण, 75 फीट का मेघनाद और 70 फीट का कुंभकरण जलाया जाएगा। आगरा के 15 कारीगरों ने इन पुतलों को राजस्थानी और दक्षिण भारतीय शैली में तैयार किया है।

विशेषतौर पर इस बार रावण को नजदीक से आग लगाने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि पुतला दहन रिमोट कंट्रोल से किया जाएगा। हालांकि सुबह से हल्की-हल्की बारिश हो रही थी, जिससे रावण के सिर में दरार आ गई, लेकिन सुरक्षा और आयोजन समिति ने इसे संभाल लिया।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई मंत्री और अधिकारी भी समारोह में शामिल हुए। आयोजन समिति के अध्यक्ष कमल नोपानी ने बताया कि रावण दहन का कुल बजट 35 लाख रुपये है, जिसमें पांच लाख रुपये के पटाखों का उपयोग होगा। प्रदूषण कम करने के लिए इस बार इको-फ्रेंडली आतिशबाजी की जाएगी। बारिश से बचाव के लिए पुतलों पर क्लियर वार्निश लगाया गया है।

आम जनता के प्रवेश के लिए प्रशासन ने सात गेट—4, 5, 6, 7, 8, 10 और 12—खुले रखे हैं। सुरक्षा के लिए 49 स्थानों पर 103 दंडाधिकारी और पुलिस अधिकारी तैनात किए गए हैं, साथ ही 128 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 10 वॉच टावर और अस्थायी कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं।

पटना ट्रैफिक पुलिस ने आयोजन के दौरान ट्रैफिक जाम से बचने के लिए रूट प्लान जारी किया है। भट्टाचार्या चौराहा से उत्तर गांधी मैदान, न्यू डाकबंगला से एसपी वर्मा रोड, बाकरगंज मोड़ से पश्चिम गांधी मैदान, मौर्या होटल के सभी कटिंग और अशोक राजपथ के कुछ मार्गों से गाड़ियों का प्रवेश वर्जित किया गया है। बुद्धमार्ग में कोतवाली "टी" से पुलिस लाइन तिराहा तक भी वाहनों की एंट्री बंद रहेगी।