बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन है। महागठबंधन ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि किस दल को कितनी सीटें मिली हैं, लेकिन VIP प्रमुख मुकेश सहनी के खाते में सीटों का बंटवारा तय हो गया है। सहनी को महागठबंधन में उचित सम्मान का भरोसा दिलाते हुए उनके खाते में कुल 15 विधानसभा सीटें दी गई हैं। साथ ही उनके लिए राज्यसभा और उनकी पार्टी के दो सदस्यों के विधान परिषद भेजे जाने की भी योजना बनाई गई है।
दरभंगा पहुंचकर मुकेश सहनी ने स्पष्ट किया कि इस बार वह खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार-प्रसार करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं महागठबंधन के लिए समर्पित हूं। सीट बंटवारे की सारी बातें अंतिम रूप ले चुकी हैं और जल्द ही सभी विवरण सार्वजनिक किए जाएंगे।”
सहनी ने अपने भाई को गौड़ाबौराम विधानसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान किया। सहनी के खाते में जो सीटें आई हैं, उनमें केसरिया, झंझारपुर, गोपालगंज, छातापुर, गौड़ाबौराम, भभुआ, रजौली, सहरसा, सकरा, अलीनगर, अमौर, हरनौत, नालंदा, बथनाहा और नौतन शामिल हैं।
प्रेशर पॉलिटिक्स के बाद तय हुई डील
शुरुआत में सहनी 50 सीटें और उप मुख्यमंत्री का पद मांग रहे थे। बाद में उनकी मांग घटकर 20 सीटों तक रह गई। बातचीत के कई दौरों के बाद, दिल्ली में महागठबंधन नेताओं से चर्चा के बाद ही यह डील अंतिम रूप ले सकी। शुक्रवार दोपहर तक सभी बातें स्पष्ट हो गईं और सहनी को 15 सीटें देने का निर्णय लिया गया।
2020 के चुनाव में सहनी का प्रदर्शन
विधानसभा चुनाव 2020 में सहनी ने महागठबंधन से असंतोष जताया और एनडीए का रुख किया था। उनकी पार्टी 11 सीटों पर उम्मीदवार उतरी थी, जिसमें से 4 सीटें जीतने में सफल रहीं। हालांकि सहनी खुद सिमरी बख्तियारपुर सीट से हार गए थे। बाद में उन्होंने एनडीए छोड़कर महागठबंधन में वापसी की।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार महागठबंधन में VIP को शामिल करना उत्तर बिहार में गठबंधन की ताकत को बढ़ाएगा और चुनाव में रणनीतिक लाभ दे सकता है।