रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित साहित्यकार और पद्मश्री सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। राज्य सरकार ने उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। उनका अंतिम संस्कार दोपहर 12 बजे रायपुर के मारवाड़ी शमशान घाट में संपन्न हुआ।
इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, कैबिनेट मंत्री, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, प्रख्यात कवि कुमार विश्वास सहित साहित्यिक और राजनीतिक क्षेत्र की कई हस्तियों ने शुक्ल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति
कुमार विश्वास ने शुक्ल के निवास जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके निधन से हिंदी साहित्य को अपूरणीय क्षति पहुंची है। शुक्ल की रचनाएं अपनी सादगी, संवेदनशीलता और विशिष्ट शैली के लिए हमेशा याद रखी जाएंगी।
निज निवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता
विनोद कुमार शुक्ल के निधन की खबर के बाद उनके निवास पर सुबह से ही साहित्यकारों, समाजसेवियों और प्रशासनिक अधिकारियों का तांता लगा रहा। रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह और नगर निगम आयुक्त विश्वदीप भी मौके पर मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने दी अंतिम विदाई
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शुक्ल के निवास पहुँचे और पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें कंधा देकर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। उन्होंने शोक संतप्त परिवार से भेंट कर संवेदनाएं व्यक्त कीं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की माटी से उपजा यह महान साहित्यकार हिंदी साहित्य में अपनी अमिट छाप छोड़ गया है। शुक्ल की लेखनी में मानवीय संवेदनाओं, सामाजिक सरोकार और सरल परंतु गहन अभिव्यक्ति की मिसाल देखने को मिलती है। उनका साहित्य न केवल पाठकों को छूता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत भी बनेगा।
विनोद कुमार शुक्ल का योगदान साहित्य जगत के लिए अनमोल है। उनके विचार और रचनाएं सदैव जीवित रहेंगी और हिंदी साहित्य की दिशा निर्धारित करती रहेंगी।