जगदलपुर से मिली जानकारी के अनुसार, भाकपा (माओवादी) के भीतर चल रहे अंदरूनी विवाद अब सार्वजनिक हो गए हैं। पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू उर्फ भूपति और केंद्रीय समिति सदस्य रूपेश उर्फ सतीश समेत 271 माओवादी जब सेना के समक्ष समर्पित हुए, तो संगठन की केंद्रीय समिति ने उन्हें ‘गद्दार’ करार देते हुए सजा देने की चेतावनी जारी की है।

यह पत्र बस्तर क्षेत्र में संगठन के प्रवक्ता ‘अभय’ के नाम से जारी किया गया, जो पहले भूपति द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला नाम था।

बस्तर के आईजीपी सुंदरराज पी. ने बताया कि माओवादी द्वारा जारी यह बयान संगठन के भीतर बढ़ते अंतर्विरोधों का स्पष्ट संकेत है। उनके अनुसार, यह घटना बस्तर ही नहीं, बल्कि देशभर में माओवादी आंदोलन के कमजोर होने की पुष्टि करती है।

16 अक्टूबर को जारी बयान में केंद्रीय समिति ने माना कि भूपति और सतीश जैसे वरिष्ठ कैडरों के समर्पण से संगठन को गंभीर क्षति पहुंची है। उनके समर्पण ने न केवल दंडकारण्य क्षेत्र को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे देश में माओवादी आंदोलन की ताकत को कमजोर किया है।

यह घटनाक्रम संगठन की अंदरूनी लड़ाई और कमजोर होती पकड़ का संकेत देता है, जिससे माओवादी गतिविधियों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई और भी प्रभावशाली हो सकती है।