छत्तीसगढ़ के गेवरा खदान में गुरुवार को रोजगार, पुनर्वास और मुआवजे की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे भू-विस्थापितों पर सीआईएसएफ ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हुए, जिनमें किसान सभा के जिला सचिव दीपक साहू, रमेश दास, बिमल दास और गुलाब दास शामिल हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शन के समय खदान परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस और सीआईएसएफ बल तैनात थे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और एसईसीएल के अधिकारी वार्ता के लिए बुला रहे थे। तभी सीआईएसएफ के एक अधिकारी द्वारा प्रदर्शनकारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया और गाली-गलौज के बाद अचानक लाठीचार्ज शुरू कर दिया गया।

आरोप है कि लाठीचार्ज के बाद घायल प्रदर्शनकारियों को जबरन उठाकर दीपका थाना ले जाया गया। घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीण बड़ी संख्या में थाने पहुंच गए और कार्रवाई की मांग की। थाना प्रभारी प्रेमचंद साहू ने घायलों का इलाज सुनिश्चित करने और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

छत्तीसगढ़ किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा कि एसईसीएल के महाप्रबंधक के इशारे पर सीआईएसएफ द्वारा लाठीचार्ज निंदनीय है। उन्होंने चेताया कि भू-विस्थापितों की समस्याओं का समाधान किए बिना खदान का विस्तार नहीं होने दिया जाएगा। झा ने एसईसीएल से प्रभावित छोटे खातेदारों को नियमित रोजगार, उचित मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा देने की मांग की।

किसान सभा के जिला सचिव दीपक साहू ने कहा कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण था, बावजूद इसके सीआईएसएफ ने जबरन कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि बंदूक और लाठी की नोंक पर खदान का विस्तार नहीं होगा। संगठन ने चेतावनी दी कि जब तक रोजगार, पुनर्वास और पेयजल जैसी बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता, नए विस्तार कार्यों का विरोध जारी रहेगा।

इस प्रदर्शन में गेवरा क्षेत्र के कई प्रभावित गांवों के सैकड़ों भू-विस्थापित शामिल हुए। किसान सभा अब आगे की रणनीति तय कर आंदोलन को व्यापक रूप देने की तैयारी में जुटी है।