पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी गर्मी में अब प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज की एंट्री ने और उबाल ला दिया है। पार्टी ने सोमवार को दूसरी सूची जारी की, जिसमें 65 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। प्रशांत किशोर ने विशेष रूप से अति पिछड़ा वर्ग के लिए 70 टिकट देने की घोषणा की है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मची हुई है।
भागलपुर से अभयकांत झा चुनावी मैदान में
प्रशांत किशोर ने अभयकांत झा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भागलपुर दंगों के समय पीड़ित परिवारों के केस लगभग नि:शुल्क लड़े और 850 परिवारों का पुनर्वास कराया। उन्होंने कहा कि बड़े दल और नेता मौके पर गए, लेकिन राजनीति में कदम नहीं रखा। अब झा जन सुराज के साथ बिहार में बदलाव लाने के लिए मैदान में हैं।
पूर्व मंत्री रामचंद्र सहनी भी जुड़े पार्टी से
पूर्व मंत्री रामचंद्र सहनी ने कहा कि 2005 से 2010 तक मंत्री और 2020 तक विधायक रहे। उम्र और भाजपा की नीति के कारण 2020 में उन्हें टिकट नहीं मिला, लेकिन अब उन्होंने जन सुराज का दामन थामा। प्रशांत किशोर ने कहा कि सहनी को तीन साल के प्रयास के बाद पार्टी में लाया गया।
दूसरी सूची में शामिल प्रमुख उम्मीदवार
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भागलपुर: अभयकांत झा, मंजर आलम
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पश्चिमी चंपारण: नौतन संतोष चौधरी
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पूर्वी चंपारण: कपिलदेव प्रसाद उर्फ भुवन पटेल, लाल बाबू यादव, नाज अहमद खान
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मधुबनी: रत्नेश्वर ठाकुर, शशि कुमार यादव
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पूर्णिया: इत्तेफाक आलम, मनोज कुमार ऋषि
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गया: इर. हेमंत पासवान, डॉ. शशि यादव, संतोष कुमार
(कुल 65 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची जारी)
इस सूची में पहली सूची की तरह ही पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर का नाम शामिल नहीं है। राघोपुर सीट को अभी खाली रखा गया है, संभव है कि वह इस सीट से चुनाव लड़ें। पहली और दूसरी सूची मिलाकर अब तक कुल 116 सीटों के उम्मीदवारों का एलान हो चुका है।
इस कदम से बिहार की राजनीति में नया समीकरण बनता दिख रहा है और जन सुराज पार्टी की सक्रियता ने अन्य दलों में हलचल पैदा कर दी है।