नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए रेखा सरकार ने दो अहम फैसले लिए हैं। इसके तहत, निर्माण कार्यों के रुकने से प्रभावित सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों के बैंक खातों में सीधे 10 हजार रुपये जमा किए जाएंगे।
साथ ही, दिल्ली के सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में अब 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य कर दिया गया है। स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सेवाओं को इस व्यवस्था से छूट दी गई है।
दिल्ली में प्रदूषण लगातार तीन दिन गंभीर श्रेणी में रहने के बाद मंगलवार को एक्यूआइ (AQI) बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया। हालांकि, हवा की गति बढ़ने और सुबह के समय कोहरे व स्मॉग में कमी के कारण प्रदूषण में थोड़ी राहत दर्ज की गई। मंगलवार को राजधानी के अधिकांश निगरानी केंद्रों पर प्रदूषण का स्तर बहुत खराब रहा।
पिछले सोमवार को दिल्ली का AQI 427 था, जबकि मंगलवार को यह घटकर 354 पर आ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, मंगलवार को 24 घंटे में AQI में 73 अंकों की सुधार दर्ज हुई। उत्तर-पश्चिमी हवा की 10 से 20 किमी प्रति घंटे की गति ने प्रदूषण के स्तर को थोड़ी हद तक कम किया।
सीपीसीबी के मानकों के अनुसार, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम होने पर ही इसे सामान्य माना जाता है। मंगलवार को एनसीआर में पीएम 10 का औसत स्तर 276 और पीएम 2.5 का औसत 167 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो मानकों से लगभग दोगुना अधिक है।
वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के अनुसार, अगले दो दिनों में हवा की गति में सुधार के साथ दिन में धूप खिलने से प्रदूषक कणों का विसर्जन तेज होगा। इसके बावजूद, वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी रहेगी और राजधानी की हवा पूरी तरह साफ होने की फिलहाल संभावना नहीं है।