दिल्ली के लाल किला के पास हुए धमाके के मामले में एक बड़ी सफलता मिली है। फरीदाबाद के खंदावली गांव से बुधवार रात एक संदिग्ध शख्स को गिरफ्तार किया गया, जिसके कब्जे से आतंकवादियों की दूसरी कार बरामद हुई। मीडिया की नजरों से बचाने के लिए संदिग्ध को दिल्ली नंबर की गाड़ी की डिग्गी में लिटाकर बाहर निकाला गया।

जांच एजेंसियों ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के इर्द-गिर्द अपने सवाल-जवाब अभियान को तेज कर दिया है। एनआईए, यूपी एटीएस, दिल्ली स्पेशल सेल और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें बुधवार को यूनिवर्सिटी पहुंचीं और यहां के स्टाफ व छात्रों से लंबी पूछताछ की।

वहीं, फरीदाबाद पुलिस को एक और महत्वपूर्ण सफलता मिली। दिल्ली धमाके में इस्तेमाल हुई आई20 कार के अलावा लाल रंग की दिल्ली नंबर की ईकोस्पोर्ट कार भी बरामद हुई। यह कार आई20 के साथ दिल्ली में कई घंटों तक घुमती रही थी। पुलिस ने इसे बल्लभगढ़ के खंदावली गांव से बरामद किया और आसपास का इलाका सील कर फोरेंसिक जांच शुरू कर दी। कार में किसी प्रकार के विस्फोटक या हथियार होने की जांच जारी है।

इस बीच, अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉ. निसार-उल-हसन का नाम भी चर्चा में है। सूत्रों के अनुसार, डॉ. निसार-उल-हसन को 2023 में जम्मू-कश्मीर में प्रोफेसर के पद से देशविरोधी गतिविधियों के आरोप में बर्खास्त किया गया था। इसके बावजूद उन्हें यूनिवर्सिटी में नौकरी मिली। धमाके के बाद वे यूनिवर्सिटी परिसर से फरार बताए जा रहे थे। उनकी बेटी भी यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है, और उनसे भी पूछताछ की जा रही है।

यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने बताया कि उनके यहां कार्यरत दो डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है और वे जांच एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे हैं।