देश की राजधानी दिल्ली में शराब की खपत त्योहारी मौसम में और बढ़ जाती है, जिससे सरकारी खजाने पर भी बड़ा असर पड़ता है। हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस दिवाली के दौरान शराब बिक्री से सरकार को अरबों रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। पिछले साल की तुलना में इस बार टैक्स राजस्व में 15% का उछाल देखा गया।
दिवाली पर रिकॉर्ड बिक्री
दिवाली से पहले के 15 दिनों में सरकारी शराब बिक्री दुकानों से लगभग ₹594 करोड़ का excise revenue दर्ज किया गया। वहीं, 2024 में इसी अवधि में यह राशि ₹516 करोड़ थी। इससे साफ है कि दिवाली के अवसर पर शराब की खपत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई।
चालू वित्त वर्ष में राजस्व लक्ष्य
चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में excise duty और VAT से कुल राजस्व ₹4,192.86 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के ₹3,731.79 करोड़ से अधिक है। दिवाली और त्योहारी सीज़न में हुई बिक्री से आबकारी विभाग को उम्मीद है कि वर्ष के अंत तक ₹6,000 करोड़ के लक्ष्य को पार करना आसान होगा।
विभाग ने यह भी कहा कि नवंबर और दिसंबर में शादी और उत्सवों के कारण शराब की बिक्री और बढ़ सकती है। इस अवसर पर थोक में खरीदारी करने के लिए लोगों को अस्थायी लाइसेंस लेने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।
शेयर बाजार पर असर
शराब बिक्री में बढ़ोतरी का असर कंपनियों के शेयरों पर भी देखा गया है। बीते महीने में कई प्रमुख शराब कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है:
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रेडिको खेतान के शेयर में लगभग 10% की बढ़त
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तिलकनगर इंडस्ट्रीज के शेयर में 4% उछाल
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जीएम ब्रेवरेजेस के शेयर में 71% से अधिक का इज़ाफ़ा
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एलाइड ब्लेंडर्स के शेयर में 17% की बढ़ोतरी
विशेषज्ञों के अनुसार, त्योहारी सीज़न और पार्टियों की बढ़ती मांग के चलते आबकारी विभाग के राजस्व और कंपनियों के शेयरों में यह रुझान जारी रह सकता है।