राजधानी दिल्ली में स्थानीय कारणों और धीमी हवा की गति के चलते प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। लगातार सात दिनों तक हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रहने के बाद मंगलवार को वायु गुणवत्ता और बिगड़ते हुए ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गई। सुबह की शुरुआत घने कोहरे और धुंध के साथ हुई, जबकि आसमान में स्मॉग की मोटी परत छाई रही।

एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली के अनुसार, मंगलवार सुबह राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 413 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के सुबह सात बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक, शहर के कई इलाकों में एक्यूआई बेहद चिंताजनक स्तर पर रहा। अलीपुर में 408, आनंद विहार में 466, अशोक विहार में 444, आया नगर में 367, बवाना में 427, बुराड़ी में 390 और चांदनी चौक में 425 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया।

इसके अलावा डीटीयू में 420, द्वारका सेक्टर-8 में 440, आईजीआई एयरपोर्ट टी-3 क्षेत्र में 379, आईटीओ में 436, जहांगीरपुरी में 447, लोधी रोड पर 368, मुंडका में 451, नजफगढ़ में 385, पंजाबी बाग में 440, आरकेपुरम में 443, रोहिणी में 434, सोनिया विहार में 413, विवेक विहार में 446 और वजीरपुर में 440 एक्यूआई दर्ज किया गया।

एक्यूआई की श्रेणियां
वायु गुणवत्ता सूचकांक को 0 से 50 तक ‘अच्छा’, 51 से 100 ‘संतोषजनक’, 101 से 200 ‘मध्यम’, 201 से 300 ‘खराब’, 301 से 400 ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 तक ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है।

दिसंबर में अब तक नहीं मिली राहत

दिसंबर का महीना समाप्ति की ओर है, लेकिन दिल्ली की हवा अब तक जहरीली बनी हुई है। इस पूरे महीने में अब तक ऐसा कोई दिन दर्ज नहीं किया गया, जब एक्यूआई 200 से नीचे रहा हो। यानी दिल्लीवासियों को दिसंबर में एक भी दिन ‘मध्यम’ श्रेणी की हवा नसीब नहीं हुई।

सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में अब तक करीब 20 दिन ऐसे रहे हैं, जब वायु गुणवत्ता रेड जोन में दर्ज की गई। नियमों के अनुसार, एक्यूआई 200 से नीचे होने पर ही हवा को मध्यम श्रेणी में माना जाता है, लेकिन इस साल दिसंबर में ऐसा एक भी दिन रिकॉर्ड नहीं हुआ।

इसके विपरीत, पिछले साल दिसंबर 2024 में हालात अपेक्षाकृत बेहतर थे। उस दौरान आठ दिन ऐसे दर्ज किए गए थे, जब एक्यूआई 200 से नीचे रहा था। वहीं आठ दिन हवा ‘खराब’ और छह दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में रही थी। आंकड़ों के मुताबिक, 1 से 7 दिसंबर 2024 के बीच अधिकांश दिनों में हवा मध्यम से खराब श्रेणी में थी और केवल एक दिन ऐसा रहा, जब एक्यूआई 300 के पार गया था।

इस साल दिसंबर में स्थिति कहीं अधिक गंभीर रही है। 1 से 8 दिसंबर तक लगातार एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज किया गया, जिससे हवा लगातार बेहद खराब बनी रही। बीच में केवल दो दिनों के लिए मामूली राहत मिली, जब एक्यूआई ‘खराब’ श्रेणी तक नीचे आया, लेकिन 11 दिसंबर से प्रदूषण फिर रेड जोन में पहुंच गया और तब से हालात जस के तस बने हुए हैं।