चंडीगढ़। हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरण कुमार का राजकीय सम्मान के साथ सेक्टर-25 स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। श्मशान घाट के आसपास भारी पुलिस बल तैनात रहा, ताकि अंतिम संस्कार पूरी शांति और सुरक्षा के साथ संपन्न हो सके।

इस अवसर पर हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस महानुभाव मौजूद रहे। डीजीपी ओपी सिंह, एडीजीपी आलोक मित्तल, आईपीएस मोहम्मद अकील के साथ-साथ आईएएस अधिकारी पंकज अग्रवाल और राज नारायण कौशिक भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

एडीजीपी वाई पूरण कुमार का शव पोस्टमार्टम के लिए पहले पीजीआई, चंडीगढ़ लाया गया, जहां लगभग चार घंटे तक विधिवत प्रक्रिया के तहत पोस्टमार्टम किया गया। पीजीआई की ओर से बताया गया कि हरियाणा कैडर के अधिकारी का पोस्टमार्टम गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा सभी आवश्यक नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दी गई है।


एडीजीपी वाई पूरण कुमार के मामले में नौ दिन बाद हरियाणा सरकार ने राहत की सांस ली। उनके परिवार ने पोस्टमार्टम कराने की सहमति देते हुए पुलिस और जांच दल पर पूरा भरोसा व्यक्त किया। अमनीत पी कुमार ने कहा कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगी, और उन्होंने पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने की सहमति दी ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

31 सदस्यीय कमेटी का पैदल मार्च रद्द
सेक्टर 17, चंडीगढ़ से तय पैदल मार्च रद्द कर दिया गया है। कमेटी सदस्य रेशम सिंह ने बताया कि आगे की योजना तय करने के लिए बैठक बुलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि न्याय न मिलने के बावजूद सामाजिक और मानवता के दृष्टिकोण से पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार का निर्णय लिया गया।

चंडीगढ़ कोर्ट ने जारी किया था नोटिस
इससे पहले, चंडीगढ़ जिला अदालत ने अमनीत पी कुमार को नोटिस जारी किया था। यह नोटिस पुलिस की ओर से दायर की गई अर्जी पर जारी किया गया था, जिसमें एडीजीपी के शव के पोस्टमार्टम की अनुमति मांगी गई थी। पुलिस ने बार-बार परिवार से सहयोग का अनुरोध किया था, लेकिन जब सहयोग नहीं मिला तो अदालत से मार्गदर्शन लेना पड़ा।