फरीदाबाद। हरियाणा में सोमवार को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक की शुरुआत हाल ही में दिल्ली में हुए कार बम विस्फोट और जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन विस्फोट में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। उपस्थित सभी ने दो मिनट का मौन रखकर पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करना सभी की साझा प्रतिबद्धता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि दिल्ली बम विस्फोट के दोषियों को किसी भी परिस्थिति में बचने नहीं दिया जाएगा और उन्हें “पाताल से भी ढूंढकर” सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।

क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका और सरकार का विज़न

शाह ने क्षेत्रीय परिषदों को संवाद, सहयोग और समन्वय बढ़ाने में अहम बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री के विज़न “सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करते हैं” का जिक्र करते हुए कहा कि इसी सोच पर सरकार लगातार काम कर रही है।

उन्होंने बताया कि 2014 से 2025 तक परिषद बैठकों की संख्या 2004-14 की तुलना में लगभग ढाई गुना बढ़ गई है। अब तक 1600 से अधिक मुद्दों पर चर्चा हो चुकी है, जिनमें से 1303 मामलों, यानी 81.43 प्रतिशत का समाधान किया जा चुका है।

महिलाओं, बच्चों की सुरक्षा और सहकारिता पर जोर

अमित शाह ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया और इसके लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता जताई। इसके अलावा उन्होंने सहकारिता, कृषि और मछली पालन में हुई प्रगति का उल्लेख किया और कहा कि इन क्षेत्रों में रोजगार बढ़ रहे हैं और गरीबी कम हो रही है।

अंत में अमित शाह ने दोहराया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पूरी ताकत से जारी रहेगी और दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा।