यमुनानगर। पहाड़ों और यमुना के कैचमेंट क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश ने नदी के जलस्तर को खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया है। हथनी कुंड बैराज पर रविवार को यमुना का बहाव 2 लाख 71 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि सहायक नदी सोम में भी करीब पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह इस मानसून का अब तक का सबसे अधिक बहाव है।
सिंचाई विभाग के एसई आर.एस. मित्तल ने बताया कि यदि बारिश का दौर जारी रहा तो जलस्तर और बढ़ सकता है। अनुमान है कि हथनी कुंड से छोड़ा गया पानी अगले 48 से 60 घंटे में दिल्ली तक पहुंच जाएगा। अगर बहाव तेज हुआ तो यह 24 घंटे में ही राजधानी में प्रवेश कर सकता है। खतरे को देखते हुए यमुना किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और पंचायतों के जरिए ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है।
18 गेट खोले, नहरों की आपूर्ति बंद
बाढ़ के खतरे के मद्देनजर हथनी कुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं। इनमें से 15 हरियाणा और तीन उत्तर प्रदेश की ओर हैं। साथ ही, पूर्वी यमुना नहर (यूपी) और पश्चिमी यमुना नहर (हरियाणा) की जलापूर्ति फिलहाल रोक दी गई है।
बरसाती नदियों ने खेतों में मचाई तबाही
शिवालिक की पहाड़ियों से निकलने वाली सोम, पथराला, उर्जनी और नागल ड्रेन उफान पर हैं। इन नदियों का पानी गांवों और खेतों में घुसकर फसलों को डुबो रहा है। हाफिजपुर, याकुबपुर, दसौरा, दसौरी, उर्जनी, चुहड़पुर खुर्द, लेदी, रामपुर जाटान, तिहानो, बरोली माजरा, खानूवाला, शेरपुर और शहजहांपुर में खेत जलमग्न हो गए हैं और किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं।