हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक गुरुवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी मंत्री हर्षवर्धन चाैहान ने दी। बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले दो वर्षों में विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने में उनके अटूट समर्थन के लिए हिमाचल प्रदेश के लोगों और कांग्रेस हाईकमान का आभार व्यक्त किया। मंत्रिमंडल ने बिलासपुर में आयोजित दो साल के समारोह के सफल आयोजन के लिए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और सरकारी विभागों को भी धन्यवाद दिया।  मंत्रिमंडल ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों, जिनमें शिमला जिले के समेज और रामपुर, कुल्लू जिले के जौन-बागीपुल और निरमंड, तथा मंडी जिले के टिक्कम थालू-कोट शामिल हैं, को विशेष राहत पैकेज देने का निर्णय लिया। इस पैकेज के तहत प्रभावित परिवारों को उनके नुकसान के लिए बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा। पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजा बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया जाएगा, जो पिछले साल आपदा प्रभावित परिवारों को दिए गए राहत उपायों के अनुरूप 1.5 लाख रुपये था। 

एसएमसी शिक्षकों के लिए एलडीआर कोटा, अंशकालीन जलवाहक बनेंगे चतुर्थ श्रेणी कर्मी
मंत्रिमंडल उप समिति की सिफारिशों के अनुसार सीधी भर्ती में एसएमसी शिक्षकों (पीजीटी/डीपीई) के लिए 5 प्रतिशत एलडीआर कोटा शामिल करने को मंजूरी दी गई, जिसे शिक्षा विभाग के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में शामिल किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में 11 वर्ष का दैनिक एवं अंशकालिक सेवाकाल पूरा कर चुके लगभग 928 अंशकालीन जलवाहकों की सेवाओं को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रूप में नियमित करने का निर्णय लिया।

होम स्टे संचालन के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति  की सिफारिशों को मंजूरी, नर्सरी में प्रवेश के  मानदंड बनेंगे
नर्सरी कक्षाओं और कक्षा-1 में प्रवेश के लिए आयु मानदंड को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बनाने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में होम स्टे के संचालन के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है और हिमाचल प्रदेश होम स्टे नियम 2024 को अधिसूचित करने का निर्णय लिया है। नए प्रावधानों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड स्थानीय निकायों या किसी अन्य विभाग से एनओसी प्राप्त करने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। हालांकि, उचित सीवरेज सिस्टम और कचरा निपटान तंत्र अनिवार्य होंगे। इसके अलावा, होम स्टे इकाइयों में वर्षा जल संचयन प्रणाली की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा।

25 मेगावाट की जलविद्युत परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने की  नीति तैयार होगी
मंत्रिमंडल ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में जलविद्युत क्षेत्र पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार करने का फैसला किया। इन प्रावधानों के तहत, सरकार 25 मेगावाट तक की उन परियोजनाओं का मूल्यांकन करेगी और उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए नीति तैयार करेगी, जिनमें कोई स्पष्ट प्रगति नहीं दिखी है। राज्य में वर्तमान में ऐसी 700 से अधिक रुकी हुई परियोजनाएं हैं।

इन योजनाओं को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना-2024 को मंजूरी दी, जिसके तहत 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले वाल्मीकि समुदाय के सफाई कर्मचारियों को मकान बनाने के लिए 3 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना-2023 के अंतर्गत आवास निर्माण के लिए वित्तीय सहायता राशि 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने को भी मंजूरी दी गई। इन योजनाओं को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना-2024 को मंजूरी दी, जिसके तहत 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले वाल्मीकि समुदाय के सफाई कर्मचारियों को मकान बनाने के लिए 3 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना-2023 के अंतर्गत आवास निर्माण के लिए वित्तीय सहायता राशि 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने को भी मंजूरी दी गई।

जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट नियम में संशोधन होगा
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) ट्रस्ट नियम, 2016 में संशोधन करने का निर्णय लिया। इसमें संशोधनों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों का स्पष्ट सीमांकन शामिल है और स्थानीय समुदायों को लाभ की व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र की परिधि को 5 किमी से बढ़ाकर 15 किमी कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, नियमों में यह अनिवार्य किया गया है कि डीएमएफ निधि का कम से कम 70 प्रतिशत विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में उपयोग किया जाना चाहिए, जिसमें कम से कम 70 प्रतिशत निधि को उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आवंटित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

निविदा सूचना के ऑनलाइन प्रकाशन की अवधि घटाई
मंत्रिमंडल ने चंबा जिले की पांगी घाटी में विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति के लिए थिरोट से किलाड़ तक 45.48 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 33 केवी लाइन के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अपनी सहमति प्रदान की। अस्पष्टता को समाप्त करने तथा कार्यों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए मंत्रिमंडल ने लोक निर्माण विभाग में निविदा सूचना के ऑनलाइन प्रकाशन की अवधि को 10 से घटाकर सात दिन, सहायक अभियंता/अधिशासी अभियंता द्वारा जारी किए जाने वाले स्वीकृति पत्र की अवधि को 20 से घटाकर 12 दिन, अधीक्षण अभियंता द्वारा जारी किए जाने वाले स्वीकृति पत्र की अवधि को 27 से घटाकर 17 दिन तथा मुख्य अभियंता द्वारा जारी किए जाने वाले स्वीकृति पत्र की अवधि को 30 से घटाकर 22 दिन करने का निर्णय लिया है।

सूखे पेड़ों के निपटान के लिए एसओपी लागू होगा
राज्य भर में सूखे पेड़ों के निपटान के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को लागू करने को मंजूरी दे दी। इस कदम का उद्देश्य सड़कों के किनारे गिरे या क्षतिग्रस्त पेड़ों को तुरंत हटाना और उनका प्रबंधन सुनिश्चित करना है। इसके अलावा डीएफओ को 50 पेड़ों तक के लॉट का प्रबंधन करने की शक्तियां देने का निर्णय लिया गया ताकि प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सके, लागत को कम किया जा सके तथा स्कूल, अस्पताल, सड़क आदि जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके।

तम्बाकू उत्पादों पर कर की दर बढ़ाई
मंत्रिमंडल ने शिमला जिले के सुन्नी में एक नया उपमंडल कार्यालय (नागरिक) खोलने तथा आवश्यक पदों के सृजन और भरने को मंजूरी दी।  सिरमौर जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा पाब, हल्लाह, थोटा जाखल, उतराई और नया पंजोर खोलने तथा आवश्यक पदों के सृजन और भरने को मंजूरी दी। लाहौल-स्पीति जिले के केलांग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सरचू में एक स्थायी पुलिस चौकी खोलने को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने तम्बाकू उत्पादों पर कर की दर 4.50 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 6.75 रुपये प्रति किलोग्राम करने को मंजूरी दी।