शिमला: इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (IGMC) में मरीज और डॉक्टर के बीच हुई मारपीट के मामले में प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। अनुशासनात्मक जांच रिपोर्ट के आधार पर पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में तैनात सीनियर रेजिडेंट डॉ. राघव निरुला की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। यह आदेश निदेशालय चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान, हिमाचल प्रदेश ने 24 दिसंबर 2025 को जारी किया।
आदेश में कहा गया है कि 22 दिसंबर को 36 वर्षीय मरीज अर्जुन और डॉ. राघव निरुला के बीच हाथापाई की पुष्टि हुई है। घटना का वीडियो भी सामने आया था। इसके बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए डॉ. निरुला को पहले निलंबित किया गया था।
सरकार द्वारा गठित जांच समिति ने 72 घंटे के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की। समिति ने निष्कर्ष निकाला कि इस घटना के लिए दोनों पक्ष जिम्मेदार हैं। रिपोर्ट में इसे “कदाचार, दुर्व्यवहार और सार्वजनिक सेवक के लिए अनुचित आचरण” करार दिया गया और कहा गया कि यह रेजिडेंट डॉक्टर पॉलिसी-2025 का उल्लंघन है।
इस आधार पर सक्षम प्राधिकारी ने डॉ. निरुला की सीनियर रेजिडेंसी से सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी किए। आदेश की प्रतिलिपि स्वास्थ्य सचिव, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, प्राचार्य और चिकित्सा अधीक्षक को भेजी गई है।
मामला प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर–मरीज संबंध, अनुशासन और कार्यसंस्कृति पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।