जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा और पुंछ जिलों के स्कूलों में अब शिक्षक सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि आवारा कुत्तों की निगरानी की जिम्मेदारी भी निभाएंगे। दोनों जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों (सीईओ) ने सरकारी और निजी स्कूलों के शिक्षकों को स्कूलों के भीतर और बाहर आवारा कुत्तों की देखरेख के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं।

शिक्षक अब न केवल कुत्तों से जुड़े घटनाक्रम की रिपोर्टिंग करेंगे, बल्कि आवश्यक कार्रवाई के लिए नगर पालिका, पशुपालन विभाग और स्थानीय निकायों के साथ समन्वय भी करेंगे। निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक स्कूल में एक नोडल अधिकारी नामित करना अनिवार्य है।

कुपवाड़ा में सीईओ ने सभी प्रिंसिपलों, जोनल एजुकेशन ऑफिसरों और हेडमास्टरों को आदेश जारी किया है कि स्कूलों में प्रमुख स्थानों पर “कुत्तों से सावधान रहें” के संदेश वाले साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य होगा और नोडल अधिकारी को नियमित अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी।

पुंछ में भी सीईओ ने स्कूलों के डीडीओ और एचओआई को समान निर्देश दिए हैं। पुंछ जिले के उपायुक्त ने हाल ही में आवारा कुत्तों की समस्या और उनके नियंत्रण के लिए बैठक की थी, जिसमें पशु जन्म नियंत्रण और सुरक्षा उपायों पर चर्चा हुई थी।

निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी शिक्षक या अधिकारी द्वारा लापरवाही बरती गई तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम स्कूलों में छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।