श्रीनगर। लाल किले के पास हुए आत्मघाती हमले में शामिल आतंकी डॉ. उमर नबी, हमले से कुछ दिन पहले अपने परिवार से मिलने पुलवामा के अपने गांव गए थे। उमर फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम कर रहे थे और वहीं से आतंकी नेटवर्क चला रहे थे।
पुलवामा से लौटने से पहले उमर ने अपना एक फोन भाई को दिया। उसके बाद, जब उमर के साथियों के पकड़े जाने की खबर मिली, तो भाई ने घबराकर वह फोन गांव के तालाब में फेंक दिया। इसके कुछ दिन बाद, 10 नवंबर को लाल किले के पास धमाका हुआ, जिसमें अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है।
फोन से मिला आत्मघाती हमले से जुड़ा वीडियो
सूत्रों के अनुसार, उस फोन से जांच एजेंसियों को हमले से जुड़ा वीडियो मिला। यह वीडियो मंगलवार को मीडिया में भी दिखाया गया। वीडियो में उमर खुद को आत्मघाती हमलावर बनने के लिए उकसाते हुए नजर आ रहे हैं।
दोनों फोन बंद मिले, लोकेशन नई दिल्ली और पुलवामा
हमले के बाद उमर के दोनों फोन बंद मिले। जांच में पता चला कि फोन की अंतिम लोकेशन नई दिल्ली और पुलवामा थी। बाद में एजेंसियों ने उमर के भाई से पूछताछ की। भाई ने बताया कि उमर के साथी—डॉ. अदील, डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन—के पकड़े जाने के बाद उसने घबराकर फोन तालाब में फेंक दिया।
सुरक्षा एजेंसियों ने फोन रिकवर किया
सूत्रों के अनुसार, तालाब से फोन बरामद किया गया। पानी में गिरने के कारण यह खराब हो गया था, लेकिन जांच एजेंसियां डेटा रिकवर करने में सफल रहीं। कुछ डेटा से उमर का आत्मघाती हमले के लिए उकसाने वाला वीडियो बरामद हुआ।
वीडियो की शूटिंग यूनिवर्सिटी में हुई
जांच में यह भी पता चला कि वीडियो अल-फलाह यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग नंबर 17 के कमरे नंबर 13 में शूट किया गया था। यही वह कमरा है, जहां जैश से जुड़े अन्य डाक्टरों ने साजिश रची थी। माना जा रहा है कि यह वीडियो हमले से कम से कम एक सप्ताह पहले बनाया गया था, लेकिन इसकी तारीख इससे भी पहले की हो सकती है।