पवई स्थित आरए स्टूडियो में गुरुवार को दिनदहाड़े हुए बंधक संकट में पुलिस की त्वरित कार्रवाई से 17 बच्चों और अन्य दो लोगों की जान बचा ली गई। शुरुआती सूचना के मुताबिक, स्टूडियो में कार्यरत रोहित आर्य ने ऑडिशन के लिए आए बच्चों को बंधक बना लिया था। कड़ी मशविरा और बातचीत न बनने पर पुलिस ने अंदर प्रवेश कराकर सभी बंधकों को सुरक्षित निकाला। बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान आरोपी की मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार, अभिभावकों ने गुरुवार दोपहर लगभग 1:45 बजे सूचना दी। मौके पर पहुंची टीमों ने पहले रोहित से बातचीत की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। फिर रणनीति बनाकर पुलिस ने बाथरूम के रास्ते से अंदर घुसकर बचाव अभियान चलाया और सभी बंधकों को बाहर निकाला। इस ऑपरेशन के दौरान आरोपी पर गोली चली; उसे प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव का पोस्टमार्टम जे.जे. अस्पताल में कराया जाएगा।
आरोपी ने सोशल मीडिया पर भी धमकी भरा संदेश जारी किया था — उसमें उसने स्वयं को 'एक योजना' तैयार करने वाले व्यक्ति के रूप में पेश करते हुए कहा था कि वह आत्महत्या नहीं करेगा, बल्कि कुछ लोगों से सवाल पूछना चाहता है; अगर कोई कदम उसे उकसाएगा तो वह आग लगा देगा। झलक में उसने कहा था कि उसकी कोई आर्थिक मांग नहीं, बल्कि 'नैतिक मांगें' हैं।
पुलिस को मौके से एक एयरगन और कुछ रासायनिक पदार्थ मिले हैं, जिन्हें फॉरेंसिक टीम ने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। शुरुआती पूछताछ में पता चला कि रोहित के पास कुछ रासायनिक सामग्री थी जिससे उसने आग लगाने की धमकी भी दी थी। बचाए गए 17 बच्चों के अलावा स्टूडियो में दो अन्य वयस्क भी मौजूद थे — सभी फिलहाल सुरक्षित हैं और मेडिकल तथा मनोवैज्ञानिक सहायता दी जा रही है।
पूछताछ में रोहित के जीवन व हालात का भी खुलासा हुआ है। सूचना के मुताबिक वह पुणे का रहने वाला था और चेंबूर के अन्नपूर्णा परिसर में रहता था। वे निर्माण-ठेका के काम से जुड़े थे और दावा करते रहे कि उन्हें एक सरकारी स्कूल के काम का करीब दो करोड़ रुपये बकाया है, जो नहीं मिला। यह विवाद और आर्थिक तंगी ही संभवतः उनकी नाराजगी की वजह मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना पर संक्षिप्त टिप्पणी करते हुए कहा कि मामले की पूरी जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी। पुलिस ने बताया कि यह एक चुनौतीपूर्ण अभियान था; शुरुआती तौर पर बातचीत से कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला, इसलिए बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता रखते हुए प्रवेश किया गया।
पुलिस ने कहा है कि घटना की विस्तृत जांच जारी है — घटनास्थल से मिले साक्ष्यों की फोरेंसिक जाँच, आरोपी के सोशल मीडिया पोस्ट और उसके पिछले वर्क-रिलेटेड विवादों की पड़ताल की जा रही है। बचाए गए बच्चों और प्रभावित परिवारों के बयान दर्ज कर अगले कदम पर निर्णय लिया जाएगा।