श्री अकाल तख्त साहिब में सोमवार को पांच सिंह साहिबान की विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें सोशल मीडिया, धार्मिक मंचों और पंथक कार्यक्रमों में दिए गए विवादित बयानों और अनुशासनहीन आचरण से जुड़े कई मामलों की समीक्षा की गई। सुनवाई के बाद पंथ से जुड़ी विभिन्न हस्तियों की लिखित माफ़ियों को स्वीकार करते हुए उन्हें सेवा आधारित धार्मिक सजाएँ और तनखाह निर्धारित की गईं।
डेरा मुखी मामले में पूर्व जत्थेदार को सजा
बैठक के दौरान 2015 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के माफीनामे को स्वीकार करने के मामले में अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को धार्मिक दंड सुनाया गया। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की, जिसके बाद उन पर धार्मिक कार्यक्रमों में भागीदारी पर लगी रोक हटा ली गई। उन्हें दो दिन लंगर सेवा, अतिरिक्त पाठ और 1,100 रुपये की देग चढ़ाने की तनखाह दी गई है।
अन्य पंथक हस्तियों को भी सेवा आधारित दंड
इसी प्रकार, पूर्व विधायक विरसा सिंह वल्टोहा, गुरुनानक देव विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कर्मजीत सिंह, भाषा विभाग के निदेशक जसवंत सिंह और प्रचारक हरिंदर सिंह ने भी अकाल तख्त साहिब के समक्ष लिखित माफी पेश की। पांच सिंह साहिबान ने इन माफ़ियों को स्वीकार किया और प्रत्येक को धार्मिक मर्यादा के अनुरूप सेवा आधारित सजाएँ दीं।
पूर्व विधायक वल्टोहा पर पंथक राजनीति में 10 वर्ष की रोक को हटाने का फैसला भी बैठक में लिया गया। उन्हें श्री हरिमंदिर साहिब, तख्त श्री दमदमा साहिब, श्री तरनतारन साहिब और तख्त श्री केसगढ़ साहिब में सेवा करने का आदेश दिया गया है।
कुलपति को मर्यादा उल्लंघन पर तनखाइया करार
गुरुनानक देव विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कर्मजीत सिंह को ‘हम हिंदू नहीं’ पुस्तक के प्रसार से जुड़े विवाद में तनखाइया घोषित किया गया। उन्हें पुस्तक को पढ़ने, वितरित करने और दो दिन श्री हरिमंदिर साहिब में सेवा करने का आदेश दिया गया है।
प्रचारक हरिंदर सिंह पर प्रचार रोक हटाई गई
यूके आधारित प्रचारक हरिंदर सिंह द्वारा कथावाचन में अनुचित शब्दों के प्रयोग पर उन्हें अतिरिक्त पाठ और सेवा की सजा सुनाई गई। गलती स्वीकारने के बाद उन पर लगी प्रचार रोक भी हटा दी गई है।
जत्थेदार ने दी स्पष्ट चेतावनी
अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने कहा कि अकाल तख्त विश्वभर के सिखों के लिए अनुशासन और न्याय का सर्वोच्च केंद्र है। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुमराह करने वाले बयान, मर्यादा उल्लंघन और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले मामलों में सख़्ती बरती जाएगी। जत्थेदार ने यह भी कहा कि गुरुमत के अनुसार, गलती स्वीकार करने वालों को सेवा और अनुशासन के रास्ते सुधार का अवसर दिया जाता है।
उन्होंने धार्मिक मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि पावन स्वरूपों से जुड़े मामले में जांच पूरी हो चुकी है और आगे की कार्रवाई रिपोर्ट के अनुरूप होगी।
बैठक में तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी टेक सिंह, श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी केवल सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जोगिंदर सिंह तथा ज्ञानी मंगल सिंह उपस्थित रहे।