राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में चल रहे भारत और यूके के संयुक्त सैन्य अभ्यास अजेय वॉरियर–25 को उच्च स्तर पर सफलता मिल रही है। इस अभ्यास में भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट और ब्रिटिश आर्मी की टुकड़ियां संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने पर केंद्रित प्रशिक्षण कर रही हैं।

अभ्यास में सैनिकों ने फायरिंग प्रैक्टिस, रिफ्लेक्स शूटिंग, रॉकेट लॉन्चर फायरिंग और स्नाइपर तथा मीडियम मशीन गन (MMG) ड्रिल्स जैसी तकनीकी गतिविधियों को पूरा किया। इसके साथ ही वास्तविक युद्ध स्थितियों की नकल करते हुए परिदृश्य-आधारित एंगेजमेंट में भी भाग लिया गया, जिससे निर्णय क्षमता और प्रतिक्रिया समय बेहतर हुआ।

सैनिकों ने IED निष्क्रियकरण पर सत्र किए, जिनमें नवीनतम टैक्टिक्स, टेक्नीक्स और प्रोसीजर्स (TTPs), सर्वश्रेष्ठ प्रथाएं और केस स्टडीज शामिल रहीं। इन सत्रों से जटिल परिस्थितियों में रणनीतिक समझ और काम करने की क्षमता में वृद्धि हुई।

शहरी और अर्ध-शहरी युद्ध कौशलों का प्रदर्शन भी किया गया। इसमें हाउस और रूम इंटरवेंशन, काफिला सुरक्षा और रोड ओपनिंग पेट्रोल जैसी गतिविधियों में दोनों सेनाओं ने बेहतरीन तालमेल दिखाया।

ALH और Mi-17 हेलीकॉप्टरों के जरिए छोटे दलों के हेलिबोर्न ऑपरेशन और स्लिडरिंग अभ्यास ने सैनिकों की इनसर्शन और एक्सट्रैक्शन क्षमता को मजबूत किया, जो खासकर काउंटर-टेरर ऑपरेशनों में महत्वपूर्ण मानी जाती है।

सैनिकों ने दैनिक योग, फिजिकल ट्रेनिंग, बैटल ऑब्स्टेकल कोर्स और 5 से 10 मील की बैटल लोड एंड्योरेंस रन से अपनी शारीरिक सहनशक्ति और टीमवर्क को मजबूत किया। इसके अलावा दोनों सेनाओं ने आधुनिक हथियारों और नई तकनीक के उपकरणों का प्रदर्शन कर एक-दूसरे की क्षमताओं का अध्ययन किया।

अभ्यास ने भारत और यूके की सेनाओं के बीच संयुक्त ऑपरेशन क्षमता को और मजबूत किया है, साथ ही दोनो देशों के सैनिकों की पेशेवर दक्षता को बढ़ावा दिया है।