रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आज़म ख़ान तथा उनके पुत्र पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म के खिलाफ चल रहे दो पैनकार्ड मामले में जल्द फैसला आने की संभावना है। मामले में अंतिम बहस जारी है, जहां अभियोजन पक्ष अपनी दलीलें पूरी कर चुका है, जबकि बचाव पक्ष की बहस 27 अक्टूबर को होगी।
यह मामला वर्ष 2019 में उस समय दर्ज हुआ था जब भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस कोतवाली में शिकायत दी थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला आज़म ने अलग-अलग जन्मतिथियों के आधार पर दो पैनकार्ड बनवाए और उनका उपयोग किया। जांच के अनुसार, एक कार्ड में जन्मतिथि 1 जनवरी 1993, जबकि दूसरे में 30 सितंबर 1990 दर्ज है। पुलिस ने जांच पूरी कर आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया था।
यह मामला वर्तमान में एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में विचाराधीन है। भाजपा विधायक के अधिवक्ता संदीप सक्सेना के अनुसार, इस प्रकरण में आज़म ख़ान को भी सह-आरोपी बनाया गया है। साक्ष्य अवधि समाप्त होने के बाद बचाव पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 7 अक्टूबर को याचिका का निस्तारण करते हुए विशेष अदालत को दो माह के भीतर सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाने का निर्देश दिया था। इसके बाद से अदालत में कार्यवाही तेज़ी से आगे बढ़ रही है। अब बचाव पक्ष की अंतिम बहस पूरी होते ही किसी भी समय अदालत अपना निर्णय सुना सकती है।