अलीगढ़ जिले में प्रस्तावित छठवीं तहसील को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। यह तहसील अकराबाद में बनेगी या छर्रा में—इस पर निर्णय भविष्य के अधीन है, लेकिन छर्रा विधानसभा क्षेत्र में इस मुद्दे ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। इसी बीच भाकियू नेता को धमकी देने का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें छर्रा के भाजपा विधायक ठा. रवेंद्रपाल सिंह की आवाज बताई जा रही है।
क्या है विवाद की जड़?
सरकार द्वारा अकराबाद को तहसील बनाने के लिए पुनः प्रस्ताव मांगे जाने के बाद यह मामला चर्चा में आया। मंगलवार को छर्रा क्षेत्र के लोगों ने विधायक ठा. रवेंद्रपाल सिंह के साथ डीएम से मुलाकात कर छर्रा को तहसील का दर्जा दिए जाने की मांग की।
इसी को लेकर अकराबाद क्षेत्र में नाराजगी देखी जा रही है। नानऊ गांव के निवासी और भाकियू भानु गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष ठा. अशोक सिंह ने सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी में अकराबाद की उपेक्षा पर नाराजगी जताई और पुराना वादा याद दिलाया। साथ ही, तहसील न बनने की स्थिति में विरोध की चेतावनी भी दी।
वायरल ऑडियो से गरमाया माहौल
इसी टिप्पणी पर कथित तौर पर नाराज होकर विधायक ने बुधवार सुबह अशोक सिंह को फोन किया, जिसकी बातचीत का 1 मिनट 16 सेकंड का ऑडियो वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में विधायक द्वारा कथित तौर पर “औकात में रहो”, “मर जाओगे बेकार में” जैसे शब्द कहे गए हैं।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
ठा. अशोक सिंह का कहना है कि वे केवल क्षेत्र के लोगों की भावनाएं प्रकट कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वायरल ऑडियो और विधायक की भाषा को लेकर उन्होंने यह मामला संगठन के राष्ट्रीय व प्रदेश नेतृत्व के समक्ष रख दिया है। जल्द ही अकराबाद में एक बैठक कर अगला कदम तय किया जाएगा।
वहीं विधायक रवेंद्रपाल सिंह ने सफाई देते हुए कहा, “मैंने अशोक सिंह को सिर्फ यह समझाने के लिए कॉल किया था कि भ्रामक और भड़काऊ पोस्ट न करें। मेरा प्रयास अकराबाद और छर्रा—दोनों को तहसील बनवाने का है। मेरी बात का आशय धमकाने का नहीं था।”
अब आगे क्या?
प्रशासन और राजनीतिक दलों की नजर अब इस विवाद पर टिकी हुई है। दोनों क्षेत्रों के पक्ष में मजबूत दावेदारी पेश की जा रही है, ऐसे में आने वाले समय में अकराबाद या छर्रा, किसे मिलेगा तहसील का दर्जा, यह देखना दिलचस्प होगा।
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