समाजवादी पार्टी से निष्कासित चायल विधायक पूजा पाल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। गुरुवार को प्रयागराज स्थित सर्किट हाउस में उन्होंने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पैर छुए। मौर्य ने भी उन्हें आशीर्वाद देते हुए हाथ उठाया।

मीडिया से बातचीत में पूजा पाल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम मौर्य उनके अभिभावक हैं। उन्होंने दावा किया कि पति राजू पाल हत्याकांड में योगी सरकार ने उन्हें न्याय दिलाया है। इसी वजह से उन्होंने राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोट किया था। इसके अलावा वे फूलपुर विधानसभा उपचुनाव और बिहार चुनाव में भी भाजपा के पक्ष में प्रचार कर चुकी हैं।

भविष्य में भाजपा जॉइन करने या पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा,
“मैं वही करती हूं, जो आदेश मिलता है। अंतिम निर्णय भाजपा नेतृत्व का होगा।”

अखिलेश के बयान पर केशव मौर्य का पलटवार—‘आरक्षण और संविधान कोई नहीं समाप्त कर सकता’

उधर, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के बाद अखिलेश यादव “अस्वस्थ हो गए हैं” और उनका “मानसिक संतुलन भी प्रभावित” दिख रहा है।

केशव ने दावा किया कि आरक्षण और संविधान को खत्म करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि अखिलेश 2027 में सत्ता परिवर्तन की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन “2047 तक भी उनकी संभावना नहीं है।”

प्रयागराज पहुंचे मौर्य ने कहा कि कांग्रेस के पंचायत चुनाव अकेले लड़ने के फैसले से भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ता—
“चाहे वे अकेले लड़ें या गठबंधन के साथ, खिलेगा तो कमल ही।”

उन्होंने मतदाता सूची शुद्धिकरण अभियान पर जोर देते हुए कहा कि भाजपा चाहती है कि कोई भी मतदाता छूटने न पाए। उन्होंने बीएलओ से अपील की कि वे “ममता बनर्जी, राहुल गांधी या अखिलेश यादव के बहकावे में न आएं” और अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करें।

साथ ही उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों ने voter list में घुसपैठियों के नाम जोड़ दिए हैं, जिन्हें हटाया जाना चाहिए।