इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चित्रकूट के कर्वी कोतवाली में 31 अगस्त 2024 को अब्बास अंसारी गिरोह के सदस्यों के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही इस मुकदमे में जारी गैर-जमानती वारंट को भी निरस्त कर दिया गया। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति मदन पाल सिंह की खंडपीठ ने नवनीत सचान, शाहबाज आलम और फिरोज खान की याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया।
मुकदमे में याचियों को गैंग का सदस्य और अब्बास अंसारी को गैंग लीडर बताया गया था। याचियों ने हाईकोर्ट में तर्क दिया कि गैंग चार्ट तैयार करने में नियमों की अनदेखी हुई और यह एफआईआर अब्बास अंसारी की जेल में पत्नी निखत बानो से अवैध लंबी मुलाकात से संबंधित थी। जांच में पता चला कि अब्बास अपने बैरक में नहीं था और वहां दो मोबाइल फोन व गहने बरामद हुए थे।
सरकारी पक्ष से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने दावा किया कि नवनीत सचान जेल अधिकारियों को पैसे भेजता था और गैंग चार्ट 29 अगस्त 2024 को संयुक्त बैठक में अनुमोदित किया गया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि गैंग चार्ट बनाने और अनुमोदन की प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया गया, केवल औपचारिकता पूरी की गई।
इस आदेश के बाद अब्बास अंसारी पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकेगा। अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने बताया कि याचियों को राहत मिलने के साथ ही गिरोह लीडर पर भी मुकदमे का असर खत्म हो गया है।