एटा जाते समय सपा सांसद रामजीलाल सुमन को पुलिस ने रोका, मचा हंगामा

भगवान बुद्ध की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने के विरोध में प्रस्तावित धरने में भाग लेने जा रहे समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन को बुधवार को पुलिस ने एक बार फिर रास्ते में रोक दिया। सपा सांसद ने इस कार्रवाई को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताते हुए कहा कि प्रदेश में “अघोषित आपातकाल” जैसे हालात हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें लगातार नजरबंद जैसी स्थिति में रखा जा रहा है और जनसमस्याओं को उठाने से रोका जा रहा है।

बताया गया कि एटा के मारहरा क्षेत्र के सिरसाबदन गांव में भगवान गौतम बुद्ध की मूर्ति को तीन बार खंडित किया गया, लेकिन पुलिस द्वारा अपेक्षित कार्रवाई न होने से आक्रोश बढ़ता गया। इसी के विरोध में बुधवार को सपा ने धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया था, जिसमें आगरा, अलीगढ़ और एटा के आसपास के जिलों से पार्टी कार्यकर्ताओं के शामिल होने की संभावना थी।

सपा सांसद सुमन ने आरोप लगाया कि मंगलवार रात को ही पुलिस उनके आवास पर पहुंची और उन्हें बाहर निकलने से रोकने की कोशिश की गई। बुधवार दोपहर करीब 12 बजे उन्होंने आवास से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रास्ता बंद कर दिया। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।

सुमन ने चेतावनी दी कि यदि सात दिन के भीतर मूर्ति खंडित करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो उन्हें बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के जन्मदिन पर उनके पोस्टर फाड़े गए, लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।

सांसद ने कहा कि पुलिस की निष्क्रियता से दलित समाज में असंतोष और हताशा बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल मूर्ति खंडन का नहीं, बल्कि सामाजिक सम्मान और न्याय का है।

इस दौरान धरनास्थल पर पूर्व विधायक रणजीत सुमन, शशांक यादव, गौरव यादव, शराफत हुसैन, महेंद्र सिंह, शाहिद कुरैशी, बृजमोहन राही, ओमप्रकाश मकवाना, सलीम शाह, धर्मेंद्र यादव, रविकांत मिश्रा, राजपाल बाबा और अवनींद्र यादव सहित कई सपा नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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