इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर द्वारा 2017 के सहारनपुर दंगों से जुड़े चार अलग-अलग मामलों और उन पर चल रही कार्यवाहियों को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकलपीठ ने कहा कि एक ही दिन होने वाली घटनाओं के लिए अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की जा सकती हैं।
सहारनपुर के थाना कोतवाली देहात क्षेत्र में 9 मई 2017 को हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इस मामले में पुलिस ने पहली एफआईआर (152/2017) दर्ज की थी, जिसमें भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर पथराव, आगजनी और सरकारी अधिकारियों पर हमले का आरोप था। उसी दिन चार अन्य एफआईआर भी दर्ज की गईं, जिनमें निजी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने, भवन में आगजनी और अन्य पुलिस कर्मियों पर हमले के अलग-अलग आरोप शामिल थे।
सांसद चंद्रशेखर ने इन चारों मामलों को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनके वकील ने तर्क दिया कि सभी घटनाएं एक ही दिन, एक ही भीड़ ने की थीं, इसलिए एक ही प्राथमिकी के तहत उनका निपटारा होना चाहिए।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि ये घटनाएं अलग-अलग स्थानों पर हुई थीं, गवाह अलग हैं और यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। न्यायालय ने यह भी कहा कि इन सभी मामलों में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं और ट्रायल गवाही के चरण में है, इसलिए इस स्तर पर हस्तक्षेप करना उचित नहीं है।