उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था की बदहाली और अधिकारियों की उदासीनता को लेकर ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा एक बार फिर सख्त नजर आए हैं। इस बार उन्होंने जनता की शिकायतों को नजरअंदाज करने वाले एक वरिष्ठ बिजली अधिकारी का ऑडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए अफसरों को दो टूक चेतावनी दी है। मंत्री के अनुसार यह ऑडियो उन्हें एक पूर्व सांसद ने भेजा था, जिसमें एक उपभोक्ता और बिजली अधिकारी के बीच हुई बातचीत दर्ज है।
सोशल मीडिया पर खुलकर जाहिर की नाराजगी
ऊर्जा मंत्री ने पोस्ट में लिखा, “एक वरिष्ठ राजनेता, जो कई बार सांसद रह चुके हैं, ने अपने क्षेत्र के एक पढ़े-लिखे नागरिक की बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से हुई बातचीत का ऑडियो भेजा है। उन्होंने मुझसे इसमें उचित कार्रवाई की मांग की है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही यूपीपीसीएल के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक और अन्य अधिकारियों को स्पष्ट किया था कि तकनीकी माध्यम जैसे टोल फ्री नंबर 1912, मानवीय संपर्क की जगह नहीं ले सकते।
अफसर फोन तक नहीं उठाते: मंत्री
शर्मा ने अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “अधिकारियों ने फोन उठाना ही बंद कर दिया है। जनता की परेशानियों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। ऐसा लगता है जैसे तितली अब नीम के पेड़ पर चढ़ गई हो।”
मीटिंग में झूठ बोलने का भी लगाया आरोप
मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कई गलत निर्णय, उनके स्पष्ट मना करने के बावजूद, लागू कर दिए गए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने बैठकों में झूठ कहा कि शिकायत दर्ज कराने के लिए 1912 कॉल सेंटर का कोई अनिवार्य निर्देश नहीं है, जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है। “हर बार एक ही झूठ दोहराया गया। अब जनता स्वयं सच्चाई सुन सकती है,” उन्होंने ऑडियो साझा करते हुए लिखा।
कड़ी चेतावनी: जिम्मेदारी निभाएं, वरना गंभीर परिणाम होंगे
ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़े शब्दों में आगाह किया: “जनता के प्रति संवेदनशीलता दिखाएं। समय से जवाब दें, भाषा में मर्यादा रखें और समस्याओं का समाधान करें। यदि ऐसा नहीं किया गया तो नतीजे बेहद गंभीर होंगे।”
मंत्री ने अंत में उस वरिष्ठ नेता के व्हाट्सऐप संदेश का भी उल्लेख किया, जिन्होंने यह शिकायत भेजी थी।