लखनऊ। सर्दियों की आहट के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के बच्चों को ठंड से बचाने की तैयारी तेज कर दी है। विभाग का लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा बिना स्वेटर या अधूरी यूनिफॉर्म में स्कूल न पहुंचे। इसके लिए बच्चों की यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते-मोजे और स्टेशनरी की खरीद के लिए अभिभावकों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से धनराशि भेजी जा रही है।

अब तक एक करोड़ तीन लाख से अधिक बच्चों के खातों में रकम पहुंच चुकी है, जबकि शेष 23 लाख बच्चों को अगले सप्ताह तक इसका लाभ मिल जाएगा। इनमें से लगभग 10 लाख बच्चों को अगले दो दिनों में ही भुगतान किया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव बेसिक और माध्यमिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सोमवार को राज्य परियोजना कार्यालय, निशातगंज में समीक्षा बैठक की। बैठक में परिषदीय और मान्यता प्राप्त अनुदानित विद्यालयों के विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्कूल बैग और स्टेशनरी के लिए दी जा रही धनराशि की प्रगति की समीक्षा की गई।

उन्होंने सभी जिलों के बीएसए को निर्देश दिए कि जिन अभिभावकों के खातों में पैसा पहुंच चुका है, उन्हें इसकी जानकारी दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि धनराशि का उपयोग बच्चों की पढ़ाई और यूनिफॉर्म की जरूरतों पर ही हो।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं है, उन्हें भी डीबीटी का लाभ मिलेगा। ऐसे बच्चों के लिए यूआईडीएआई के सहयोग से विशेष व्यवस्था की जाएगी। यह प्रावधान फिलहाल इस शैक्षणिक सत्र के लिए लागू रहेगा, ताकि कोई भी बच्चा सहायता से वंचित न रह जाए।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग रोजाना प्रगति की समीक्षा कर रहा है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर पात्र छात्र को समय से आर्थिक सहायता मिले। सरकार की कोशिश है कि ठंड के मौसम में कोई भी बच्चा बिना स्वेटर या अधूरी यूनिफॉर्म के स्कूल न जाए।