नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध के एक चर्चित मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपियों नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत दे दी है। अदालत ने दोनों को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतें जमा कराने की शर्त पर राहत प्रदान की।
उल्लेखनीय है कि दोनों को 13 दिसंबर 2023 को संसद की सुरक्षा भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह घटना संसद पर 2001 के आतंकी हमले की बरसी के दिन हुई थी।
निचली अदालत ने खारिज की थी याचिका
इससे पूर्व निचली अदालत ने दोनों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील की। मामले की सुनवाई जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने की।
जमानत के साथ शर्तें भी लागू
कोर्ट ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी निर्धारित की हैं। दोनों आरोपियों को मीडिया को इंटरव्यू देने और सोशल मीडिया पर इस घटना से संबंधित कोई भी टिप्पणी या पोस्ट करने से रोक दिया गया है।
क्या था मामला
13 दिसंबर 2023 को लोकसभा के शून्यकाल के दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी दर्शक दीर्घा से छलांग लगाकर सदन में पहुंचे थे। उन्होंने अपने जूतों से स्मोक डिवाइस निकालकर पीली गैस छोड़ी और नारेबाजी शुरू कर दी थी। इसी दौरान, संसद परिसर के बाहर नीलम आजाद और अमोल शिंदे ने भी रंगीन धुआं छोड़ा और प्रदर्शन किया। इसके बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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