राजनीतिक पहुंच के चलते चंबा से दूसरे जिलों में तबादला करवाने वाली नौ स्टाफ नर्सों की ट्रांसफर स्वास्थ्य निदेशक ने रद्द कर दी है। इन्होंने चंबा मेडिकल कॉलेज में नौकरी ज्वाइन तो कर ली थी, लेकिन इसके कुछ माह बाद ही अपने गृह जिला में ट्रांसफर करवाने के जुगाड़ में जुट गई थीं। पिछले माह करीब नौ स्टाफ नर्सों ने राजनीतिक पहुंच के चलते हमीरपुर, शिमला और मंडी के लिए ट्रांसफर करवा ली।
इसका पता चलने पर स्वास्थ्य निदेशक बीबी कटोच ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से पूरी जानकारी जुटाई। इसके बाद स्टाफ नर्सों का तबादला रद्द करने के आदेश जारी कर दिए। राजनीतिक पहुंच के चलते ट्रांसफर करवाने वाली स्टाफ नर्सों में कुछ नर्सें आरकेएस (रोगी कल्याण समिति) के तहत रखी गई हैं। आरकेएस के तहत रखी गई स्टाफ नर्सों को अपने मूल स्थान पर ही नौकरी करनी पड़ती है। संबंधित आरकेएस ही इन्हें वेतन का भुगतान करती
चंबा में कुछ वर्ष पहले भी आरकेएस के तहत नियुक्त स्टाफ नर्सें दूसरे जिलों में प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रही थीं। उनके वेतन का भुगतान चंबा मेडिकल कॉलेज की आरकेएस कर रही थी। सदर के विधायक ने यह मामला विधानसभा में उठाया तो उन स्टाफ नर्सों की प्रतिनियुक्ति रद्द हुई। इसके बाद स्टाफ नर्सों को चंबा आना पड़ा। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रमेश भारती ने बताया कि चंबा मेडिकल कॉलेज से कुछ स्टाफ नर्सों ने अपनी ट्रांसफर दूसरे जिलों में करवाई थी। स्वास्थ्य निदेशक ने उनके तबादलों को रद्द करने के आदेश जारी किए हैं