बाजार तय करेगा स्क्रैप वाहनों की कीमतें, नहीं होगा कोई सरकारी हस्तक्षेप: गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में इस बात पर जोर दिया कि सरकार स्क्रैप किए गए वाहनों की उचित कीमत निर्धारित करने में हस्तक्षेप नहीं करेगी। बल्कि वाहन की स्थिति के आधार पर मार्केट फोर्स (बाजार) द्वारा कीमत तय की जाएगी। मंत्री ने स्पष्ट किया कि निजी संस्थाओं के रूप में स्थापित रिजर्व व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी (आरवीएसएफ) यूनिट्स स्क्रैप किए गए वाहनों के मूल्यांकन और कीमत निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार हैं।

Union Minister Nitin Gadkari Says market forces to decide scrapped vehicles price government to not intervene

वाहन मालिकों के लिए प्रोत्साहन और वित्तीय राहत
वाहन मालिकों के मुआवजे पर चिंताओं को संबोधित करते हुए, गडकरी ने कहा कि सरकारी वाहनों के लिए इस्पात मंत्रालय द्वारा आरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाता है। जबकि निजी वाहनों के लिए स्क्रैप मूल्य बाजार द्वारा संचालित होता रहेगा।

नागरिकों, विशेष रूप से निम्न आय वर्ग पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए, सरकार वाहन स्क्रैपिंग के लिए विभिन्न इंसेंटिव (प्रोत्साहन) प्रदान कर रही है। प्रोत्साहनों में, वाहन स्क्रैपिंग पर जारी किया गया “जमा प्रमाणपत्र” वाहन मालिकों को नए वाहनों के लिए पंजीकरण शुल्क माफ करने की अनुमति देता है। इसके अलावा, मालिक नया वाहन खरीदते समय मोटर वाहन टैक्स पर छूट का फायदा उठा सकते हैं – निजी वाहनों के लिए 25 प्रतिशत और वाणिज्यिक वाहनों के लिए 15 प्रतिशत तक। ये टैक्स रियायतें परिवहन वाहनों के लिए आठ साल तक और गैर-परिवहन वाहनों के लिए 15 साल तक उपलब्ध होंगी।

Union Minister Nitin Gadkari Says market forces to decide scrapped vehicles price government to not intervene

गडकरी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में जीवन-काल समाप्त हो चुके वाहनों (एंड ऑफ लाइफ व्हीकल्स) (ईएलवी) से निपटने के लिए सरकार के नए प्रयासों पर भी रोशनी डाला। 11 अक्तूबर, 2024 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) के परिवहन विभाग द्वारा ईएलवी पर कार्रवाई फिर से शुरू किए जाने के बाद से अब तक कुल 2,445 वाहन जब्त किए जा चुके हैं। इस पहल का लक्ष्य अपनी अनुमेय आयु सीमा पार कर चुके वाहनों को लक्षित करना है – डीजल वाहनों के लिए 10 वर्ष और पेट्रोल वाहनों के लिए 15 वर्ष।

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भारत के स्थिरता लक्ष्यों के अनुरूप, सरकार पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना के जरिए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने को बढ़ावा दे रही है। 10,900 करोड़ रुपये के बजट के साथ, इस योजना का मकसद ईवी अपनाने को प्रोत्साहित करना और देश भर में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास का समर्थन करना है। 

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इसके अलावा, वाहन स्क्रैपेज नीति में वाहन के पुर्जों का पर्यावरण के अनुकूल निपटान सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश शामिल किए गए हैं। इसमें पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मानकों का अनुपालन शामिल होगा।

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