बिजनौर। नजीबाबाद के भागूवाला गांव में एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) द्वारा जारी नोटिसों ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। ग्रामीणों का कहना है कि पांच दिन बाद अधिकारी उनके मकान और दुकानों को तोड़ने आ सकते हैं। इससे पहले वे एसडीएम शैलेंद्र कुमार सिंह के कार्यालय पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई।
ग्रामीणों की व्यथा
भागूवाला की मुन्नी देवी ने कहा, “पति के निधन के बाद मैं अकेले परिवार संभाल रही हूं। मेरी बेटी की शादी भी नज़दीक है। अगर बुलडोजर चल गया तो हम सड़क पर आ जाएंगे और हमारी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।”
अचानक नोटिस, मुआवजे का कोई भरोसा नहीं
ग्रामीणों का आरोप है कि नवंबर में भूमि अध्यापक अधिकारी बिजनौर ने हाईवे अथॉरिटी के दबाव में 34 लोगों को नोटिस जारी किए। यादराम, प्रेमवती, लक्ष्मी, प्राची, सुहानी, शुभम और कमलेश जैसे ग्रामीणों ने कहा कि उनके मकान और दुकानें वर्षों पुरानी और पक्की हैं, लेकिन एनएचएआई बिना मुआवजा दिए इन्हें तोड़ने का प्रयास कर रहा है। दो दिन पहले बुलडोजर टीम इलाके में पहुंची और पांच दिन का अल्टीमेटम थमाया।
बस स्टैंड निर्माण के लिए हटाए जा रहे आवास
भागूवाला में काशीपुर-हरिद्वार फोरलेन के पास एनएचएआई बस स्टैंड बनाना चाहता है, जिसके कारण कई घर और प्रतिष्ठान प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीणों की स्थिति देखकर एसडीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने उन्हें समझाया और भरोसा दिलाया कि कानूनी प्रक्रिया और मुआवजा तय हुए बिना कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने मामले की जांच कर उचित समाधान देने का आश्वासन भी दिया।