नई दिल्ली। फेडरल रिज़र्व की संभावित ब्याज दर कटौती की अफवाहों ने कीमती धातुओं को फिर से तेज़ी दी है। इस वजह से सोने की कीमतों में बीते दो हफ्तों में 8,600 रुपए प्रति दस ग्राम तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 18 नवंबर को 1,22,351 रुपए पर कारोबार कर रहा सोना अब 1,30,955 रुपए तक पहुँच गया है। यानी सिर्फ़ दो हफ्तों में सोने की कीमतों में 7 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

मौजूदा हफ्ते में भी सोने ने तेजी जारी रखते हुए लगभग 1,450 रुपए की बढ़ोतरी दर्ज की है। विश्लेषकों के अनुसार, अगर यह रुझान बना रहता है, तो सोना पुराने रिकॉर्ड 1,34,024 रुपए को पार कर सकता है और अगले साल 1,50,000 रुपए प्रति दस ग्राम तक पहुंचने की संभावना है।

रिलायंस सिक्योरिटीज़ के जिगर त्रिवेदी के अनुसार, सोने की बढ़त कई वैश्विक और घरेलू कारणों से हो रही है। इनमें कमजोर अमेरिकी डॉलर, ब्याज दर कटौती की उम्मीदें, बढ़ती भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी शामिल हैं। ऑग्मोंट रिसर्च की रेनिशा चैनानी भी घरेलू मांग और सीमित आपूर्ति के कारण सोने की कीमतों में तेजी देख रही हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि शॉर्ट टर्म में सोने में मुनाफावसूली की संभावना हो सकती है, खासकर अगर अमेरिकी यील्ड में सुधार होता है या डॉलर मजबूत होता है। इसके बावजूद, मध्यम अवधि में वैश्विक जोखिम और संरचनात्मक मांग के कारण तेजी की संभावनाएँ बनी हुई हैं।

चांदी ने भी इस दौरान नए रिकॉर्ड बनाते हुए मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर 3,126 रुपए की बढ़त के साथ 1,84,727 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुँच गई है। साल 2025 में चांदी ने निवेशकों को 112 फीसदी का रिटर्न दिया है।

विश्लेषकों का अनुमान है कि सोने और चांदी दोनों में आगे भी उतार-चढ़ाव रह सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि के रुझान मजबूत बने रहेंगे। निवेशकों के लिए यह सुरक्षित निवेश का अवसर माना जा रहा है।